मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

सेकंड नटरवरलाल था राजेन्द्र कुमार, सजा के डर से आत्महत्या की


भोपाल 29 अक्टूबर 2013। भोपाल में बैलदार समाज के लोगों का कहना है कि राजेन्द्र कुमार को समाज के किसी भी व्यक्ति ने धमकी नहीं दी थी और राजेन्द्र कुमार द्वारा लबातार फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायतों से भ्रमित होकर अधिकारियों ने बेलदार जाति के प्रमाण पत्र बनाने बनाने पर रोक लगा दी थी। शासन की विश्रिसन्न स्तर की जांच के बाद बैदलार समाज के जाति प्रमाण पत्र बनना चालू हो गये है। बैलदार समाज का कहना है की राजेन्द्र कुमार पत्रकार बन कर लोगों को भ्रमित करता था। राजेन्द्र कुमार ने परिवारिक कलह, आर्थिक परेशानी एवं न्यायालय में चल रहे मुकदमों से परेशान होकर संभावित सजा के डर से आत्महत्या की है।
ब्लैकमेल करना राजेन्द्र का पेशा बन चुका था गोविंदपुरा थाने में 2012 में इस के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। पुलिस रिकॉड में इस पर कई लोगों को झांसा देकर ठगी के मामले दर्ज है। सितंबर 2012 में राजेन्द्र कुमार गोविंदपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। भोपाल जिला अदालत ने 2012 में पुराने रिकार्ड के आधार पर अदालत ने कहा था कि यह ‘सेकंड नटवारलाल’ है। इसे जमानत का लाभ देना उचित नहीं है। वही हाईकोर्ट ने भी उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।  


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