मंगलवार, 29 अक्टूबर 2013

चुनाव के लिये बैंक, जनसम्पर्क, राष्ट्रीय उद्यानों, कोर्ट और एम्बूलेंस वाहन जब्त नहीं होंगे

मुख्य सचिव ने जारी किये सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश
भोपाल 29 अक्टूबर 2013। पु़लिस, होमगार्ड, जनसम्पर्क, वाणिज्यिक बैंक, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन तथा प्रेस इन्फरमेशन ब्यूरो, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राष्ट्रीय उद्यानों के वाहनों तथा एम्बूलेंस और विदेशी एजेन्सियों द्वारा दिये गये ऐसे वाहनों जोकि स्वास्थ्य विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के पास हैं, विधानसभा आम चुनावों के दौरान चुनावी कार्य हेतु अधिगृहित नहीं किये जायेंगे। यही नहीं निर्वाचन कार्य हेतु दूरदर्शन,आकाशवाणी, राष्ट्रीय उद्यान,पुलिस, होमगार्ड, जनसम्पर्क तथा जेल के कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जायेगी।
उक्त निर्देश राज्य के मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने सभी जिला कलेक्टरों को जारी किये हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने इन निर्देशों से सभी अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों/सचिवों, सभी विभागाध्यक्षों और समस्त जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारियों को भी अवगत कराया है। सात बिन्दुओं पर केन्द्रित कर भेजे गये इन निर्देशों में मुख्य सचिव ने कहा है कि निर्वाचन अवधि में भारत चुनाव आयोग द्वारा शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर लगाये गये प्रतिबंध का पूर्णत: पालन किया जाये। इसी प्रकार जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव कार्य में लगाई गई है या जिनके विषय में कलेक्टर ने ऐसी अपेक्षा की हो, उन अधिकारियों तथा कर्मचारियों को अन्य कार्य के लिये जिले के बाहर आयोजित बैठकों एवं चुनाव प्रशिक्षण के अतिरिक्त अन्य किसी प्रशिक्षण में नहीं भेजा जाये। चुनाव कार्य में लगे सरकारी सेवक का अवकाश उसी स्थिति में कलेक्टर द्वारा स्वीकृत किया जाये जबकि उस सरकारी सेवक का अवकाश पर जाना अत्यंत आवश्यक हो।
आमसभा हेतु पहले आवेदक को प्राथमिकता दें :
मुख्य सचिव ने अपने निर्देशों में कहा है कि सार्वजनिक स्थान पर चुनाव की मीटिंग की अनुमति देते समय विभिन्न राजनैतिक दलों में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिये। यदि एक ही दिन में कई दल एक ही जगह पर सभा करना चाहते हैं, तो उस दल को अनुमति दी जाये जिसने सबसे पहले आवेदन-पत्र दिया हो। यहां पर यह स्पष्ट किया जाता है कि दो दलों की आमसभा, एक ही समय पर, लगे हुये स्थानों पर देना उचित नहीं होगा क्योंकि इससें कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है। ऐसी परिस्थिति में दोनों पक्षों को यह समझा दिया जाये कि यदि वे अलग-अलग समय अथवा अलग-अलग स्थानों पर सभायें आयोजित करें तो अच्छा होगा।



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