मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

फसल हानि पर मुआवजा देने पर रोक नहीं, भोपाल में पत्रकार-वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने कहा

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भोपाल 29 अक्टूबर 2013। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने मंगलवार सांय पत्रकार-वार्ता में कहा कि प्राकृतिक आपदा में राहत देने पर चुनाव आचार संहिता आड़े नहीं आती है तथा प्रदेश में खराब मौसम से नष्ट हुई किसानों की फसलों पर राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिया जा सकता है।
श्री संपत ने दो दिन तक प्रदेश विधानसभा आम चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के बाद बताया कि राज्य के साठ विस क्षेत्र ऐसे हैं जो धनबल से वोट खरीदे जाने की प्रवृत्ति के लिये चिन्हित किये गये हैं तथा इनमें विशेष टीमें बनाकर ध्यान दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा के मंत्रियों द्वारा मतदाताओं से वोट मांगने के लिये अपनी सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करना गलत नहीं है। उन्होंने बताया कि धर्म एवं योग को राजनीति के साथ मिक्स करने की शिकायतों को आयोग ने गंभीरता से लिया है तथा इस हेतु आवश्यक निर्देश दिये हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पचास हजार से अधिक कैश लेकर जाने पर उम्मीदवारों एवं उनके एजेण्टों पर रोक है न कि आम बिजनेसमेनों और लोगों पर और उन्हें स्थानीय प्रशासन को द्वारा परेशान नहीं करना चाहिये।
श्री संपत ने पटना विस्फोट घटना के संबंध में आई शिकायत के बारे में इतना ही कहा कि बिहार में विस चुनाव नहीं हो रहे हैं। 
श्री संपत ने बताया कि अवैध कैश और शराब लेकर घूमने वालों पर नजर रखने और उनकी धरपकड़ हेतु प्रदेशभर में 974 फ्लाईंग स्क्वाड तैनात की गईं हैं। आयकर विभाग को भी सतर्कता बरतने के लिये कहा गया है। गैर जमानती वारण्ट की तामिली हेतु हर जिले में कलेक्टर के अधीन विशेष पुलिस टीम भी तैनात करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अभी ओपीनियन पोल दिखाने पर बंदिश नहीं है लेकिन चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद मतदान की तिथि 25 नवम्बर की शाम पांच बजे तक इसे दिखाने पर प्रतिबंध रहेगा।
कमल पर लगे ठहाके :
पत्रकार-वार्ता के दौरान जब श्री संपत से यह पूछा गया कि जबलपुर के एक पार्षद ने तालाबों में खिले कमल के फूलों को भाजपा का चुनाव चिन्ह होने के कारण ढकने की मांग की है तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविन्द ने श्री संपत के संकेत पर जवाब दिया कि तालाबों पर लगे कमल को ढंकेने की जरुरत नहीं है। इस पर हाल में जमकर ठहाके लगे। इससे विचलित आयोग के एक सदस्य ने सफाई दी कि पहले से तालाबों में लगे कमल नहीं ढंके जायेंगे लेकिन किसी प्रतिमा पर कमल लगाने पर उसे ढक दिया जायेगा तथा ऐसे ही आयोग के निर्देश हैं। ज्ञातव्य है कि उप्र विस चुनाव में बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी की प्रतिमाओं को आयोग ने ढंकवा दिया था।
आयोग संतुष्ट हुआ :
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री संपत ने कहा कि भोपाल में चुनाव प्रबंध की समीक्षा से वह संतुष्ट हुआ है तथा राज्य में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित होगा। आयोग ने समीक्षा के दौरान इन दो दिनों में राजनैतिक दलों, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, सभी निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यापक समीक्षा तथा मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ कर एवं वित्तीय अधिकारियों से भी चर्चा की।
मिली शिकायतें :
श्री संपत ने बताया कि सत्ताधारी दल ने उपायों को लागू करने वाले अधिकारियों द्वारा पार्टी कार्यकर्त्ताओं तथा आम लोगों को परेशान किये जाने की शिकायत की। उन्होंने प्रचार गतिविधियों पर गैर-वाजिब पाबंदियों को लेकर भी शिकायत की। विपक्ष ने सत्ताधारी दल द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की शिकायत की। विपक्ष ने मैदानी अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर भेदभाव और पक्षपातपूर्ण कार्य किये जाने का आरोप लगाया, जिनमें कुछ जिला कलेक्टर भी शामिल हैं। आयोग द्वारा इनमें से प्रत्येक शिकायत की समीक्षा की जा रही है और अधिकारियों को प्रत्येक प्रकरण में सही और सामयिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। कमीशन ने राजनैतिक दलों से एक-दूसरे की शिकायतें करने तथा आरोप लगाने में संयम बरतने की अपेक्षा की।
बुनियादी जानकारी :
श्री संपत ने चुनाव संबंधी बुनियादी जानकारी दी कि प्रदेश में कुल निर्वाचक संख्या 4.65 करोड़ (2.45 करोड़ पुरुष और 2.20 करोड़ महिला)हैं। कुल मतदान केन्द्र 53 हजार 896 (2008 में 46 हजार 892 थे)। 100 प्रतिशत मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन किया गया। राज्य सरकार ने अगले 15 दिन के भीतर मतदान केन्द्रों में 100 प्रतिशत रेम्प, 100 प्रतिशत पेयजल सुविधा तथा 100 प्रतिशत बिजली उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। 14 हजार 950 मतदान केन्द्र क्रिटिकल के रूप में चिन्हांकित किये हैं।
आयोग नये निर्देश :
कानूनों, नियमों तथा आदर्श आचार संहिता को कड़ाई से, समान रूप से और निष्पक्षता से लागू किया जाये। दलों तथा उम्मीदवारों के राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणीकरण सामान्यत: उसी दिन किया जाये। सभी गैर-जमानती वारंटी (एनबीडब्ल्यु) क्रियान्वित किये जायें तथा हथियारों को 2 सप्ताह के भीतर जमा करवा लिया जाये। आम लोगों को परेशानी न हो, इसके लिये छानबीन तथा जब्ती का कार्य किये जाने के दौरान अत्यधिक संयम और अनुशासन रखा जाये। नोटा विकल्प का चुनाव में क्रियान्वयन किया जायेगा, जिसे विशेष रूप से दर्शाया जायेगा।



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