मंगलवार, 7 मई 2013

पाटस्कर की नजीर....


भोपाल। मप्र में वर्ष 1957 से 1965 तक राज्यपाल रहे एच विनायक पाटस्कर की एक नजीर अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों के लिये संजीवनी प्रदान कर रही है। हांलाकि वर्ष 1980 एवं 1990 से 1992 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे सुंदरलाल पटवा को इस नजीर का लाभ नहीं मिल पाया था। दरअसल जबलपुर में हुये एक साम्प्रदायिक दंगे की घटना पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैलाशनाथ काटजू (ये भी दो बार मुख्यमंत्री बने) की सार्वजनिक रुप से आलोचना की थी। इस पर उस समय के राज्यपाल श्री पाटस्कर ने प्रधानमंत्री श्री नेहरु को लिखा था कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय है इसलिये केन्द्र इस पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। पाटस्कर ने यह भी लिखा कि संघीय शासन प्रणाली के अंतर्गत प्रधानमंत्री किसी मुख्यमंत्री पर इस प्रकार दोषारोपण नहीं कर सकता है।

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