बुधवार, 30 जनवरी 2013

लोकायुक्त ने की कार्रवाई, आदिम जाति कल्याण विभाग की महिला कर्मचारी पर कार्रवाई


  
उज्जैन, 30 जनवरी 2013। आदिम जाति कल्याण विभाग की एक महिला लिपिक को लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरतार किया है। लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। डीएसपी ओपी सागोरिया ने बताया कि कमलेश वारा नाम के व्यक्ति ने ड़ेढ़ साल पहले गरिमा नाम की युवती से अंतरजातीय विवाह किया था। शासन की योजना के अनुसार दंपत्ति को बतौर प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपए मिलना थी। राशि का चेक आदिम जाति कल्याण विभाग उज्जैन से मिलना था। मगर विभाग की लिपिक तलत सुल्ताना कमलेश से चेक देने के लिए 3 हजार रुपए की रिश्वत मांग रही थी।
घूस दो और चेक ले जाओ - सोमवार को कमलेश ने 500 रुपए तलत सुल्ताना को दिए थे और ढाई हजार रुपए बाद में देने को कहा था। इस पर सुल्ताना ने कहा था कि पूरे रुपए मिलने पर चेक मिलेगा। इधर सुबह कमलेश ने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी अरुण मिश्रा से की। इस पर श्री मिश्रा ने टीम गठित कर मामले की तस्दीक करने और कार्रवाई के निर्देश दिए।
दतर में बुलाया - मंगलवार दोपहर कमलेश ने सुल्ताना को फोन लगाकार कहा कि उसके पास दो हजार रुपए हैं। इस पर सुल्ताना ने उसे रुपए लेकर फ्रीगंज स्थित विभाग के दफ्तर में बुलाया। जैसे ही लिपिक ने कमलेश से रुपए लिए लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। नोटों में केमिकल लगा होने से सुल्ताना के हाथ लाल हो गए।
छिपा लिया चेहरा - कार्रवाई के दौरान मीडिया के पहुंचने पर सुल्ताना ने साड़़ी से अपना चेहरा छिपा लिया। लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 13(1) डी, 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। कार्रवाई करने वाली टीम में डीएसपी ओपी सागोरिया, निरीक्षक एसपीएस राघव, स्टेनो एफएल पंद्रे, प्रधान आरक्षक विजय बारचे, आरक्षक घनश्याम मिश्रा शामिल थे।

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