गुरुवार, 3 जनवरी 2013

ऊर्जा क्षेत्र में वर्ष 2012 मप्र के लिए उपलब्धियों भरा रहा

ताप विद्युत उत्पादन तथा विद्युत गृहों का पीएलएफ प्रतिशत रहा अधिक, बिजली आपूर्ति का नया रिकार्ड कायम हुआ
Bhopal,01 January, 2013: वर्ष 2012 के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में अनेक उपलब्धियाँ दर्ज की गई। इनमें विद्युत उत्पादन, आपूर्ति, कम वोल्टेज की समस्या का निराकरण, ट्रांसमिशन प्रणाली की क्षमता वृद्धि के साथ ही तकनीकी हानियों के स्तर में कमी लाई गई। इस दौरान किसानों की सुविधा के लिये भी अनेक योजनाएँ लागू की गईं। बकायादार कृषि-पम्प उपभोक्ताओं के लिये ‘किसान-मित्र’ एवं जले तथा खराब ट्रांसफार्मर बदलने के लिये एस.एम.एस. आधारित योजना को शुरू किया गया। शहरों में 24 घंटे शिकायत दर्ज करने के लिये कॉल-सेंटर, ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने तथा बिजली बिल भुगतान के लिये एनी टाइम पेमेंट मशीन भी स्थापित की गई।
ताप विद्युत उत्पादन गत वर्ष से 6.25 प्रतिशत ज्यादा
वर्ष 2012 में अनुमानित ताप विद्युत उत्पादन 16898.55 मिलियन इकाई हुआ, जो वर्ष 2011 के 15904.40 मिलियन इकाई की तुलना में ताप विद्युत उत्पादन 6.25 प्रतिशत अधिक हुआ। ताप विद्युत गृहों का पीएलएफ 65.60 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2011 के दौरान 61.91 प्रतिशत था। इसी प्रकार जल विद्युत उत्पादन 3252.5 मिलियन इकाई वर्ष 2011 के 2817.0 मिलियन इकाई उत्पादन की तुलना में 435 मिलियन इकाई अधिक हुआ, यह गत वर्ष से 15.44 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2012 के दौरान 31 मार्च को एक दिन का ताप विद्युत उत्पादन 84.34 प्रतिशत पीएलएफ के साथ 59.353 मिलियन इकाई हुआ, जो अब तक का एक दिन का सर्वाधिक ताप विद्युत उत्पादन है।
ईंधन की खपत में उल्लेखनीय सुधार
ईंधन खपत में भी उल्लेखनीय सुधार दिखा। वर्ष 2011 में कोयला खपत 0.84 किलोग्राम प्रति इकाई तथा तेल खपत 3.73 मिली लीटर इकाई था, जो वर्ष 2012 में घटकर क्रमशः 0.82 किलोग्राम प्रति इकाई तथा 3.34 मिली लीटर प्रति इकाई हो गया। इसके अलावा वर्ष 2012 में आक्सीलरी खपत घटकर 9.28 प्रतिशत हो गई, जो वर्ष 2011 में 9.31 प्रतिशत थी।
बिजली आपूर्ति का नया कीर्तिमान
प्रदेश में बिजली आपूर्ति का नया कीर्तिमान भी वर्ष 2012 में स्थापित हुआ। गत 20 दिसम्बर को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 1813.12 लाख यूनिट बिजली आपूर्ति का नया रिकार्ड कायम हुआ। इसके पूर्व 13 नवम्बर, 2012 को दीपावली के दिन प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 1755.57 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति का कीर्तिमान था। वित्तीय वर्ष 2012-13 में माह नवम्बर, 2012 में 9484 मेगावॉट अधिकतम माँग की आपूर्ति की गई। ट्रांसमिशन हानियों का स्तर 3.51 प्रतिशत रह गया, जो देश में न्यूनतम है।
3330 फीडर का सेपरेशन
ग्रामीण क्षेत्र में घरों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने के लिये राज्य शासन द्वारा फीडर विभक्तिकरण योजना लागू की गई है। नवम्बर तक 3330 फीडर के सेपरेशन के कार्य पूर्ण हुए। इससे 17 हजार 495 गाँव लाभान्वित हुए।
श्री सिंगाजी परियोजना का कार्य जारी
वर्ष 2012-13 में विद्युत उत्पादन की नई परियोजनाओं के निर्माण तथा विद्यमान उत्पादन केन्द्रों के नवीनीकरण तथा सुदृढ़ीकरण के कार्यों के लिये करीब 4954 करोड़ व्यय किये जायेंगे। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की दोनों इकाई का कार्य भी वर्ष 2012 में तेजी से जारी रहा। इनसे वर्ष 2013 से उत्पादन प्रारंभ होना है।
इसी प्रकार सतपुड़ा ताप विद्युत परियोजना की दोनों इकाई का कार्य वर्ष 2012 में तेजी से जारी रहा। वर्ष 2012 में इकाई क्रमांक-10 का बॉयलर हाइड्रोलिक टेस्ट, कण्डेंसर तथा टर्बाइन इरेक्शन प्रारंभ जैसे प्रमुख उपलब्धि प्राप्त की गई। वर्ष 2012 में इकाई क्रमांक-11 के बॉयलर हाइड्रोलिक टेस्ट, कण्डेंसर तथा टर्बाइन इरेक्शन प्रारंभ होने जैसे माइल स्टोन प्राप्त किये गये। यह इकाइयाँ वर्ष 2013 में उत्पादन प्रारंभ कर देंगी।
स्थाई पम्प कनेक्शन अनुदान के लिये 182 करोड़
कृषकों को स्थाई पम्प कनेक्शन देने के लिये राज्य शासन द्वारा अनुदान योजना लागू की गई है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में इसके लिये 182 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया। अभी तक इस योजना से 17 हजार 582 कृषक लाभान्वित हुए हैं। कृषि उपभोक्ताओं के लिये लागू की गई दरों में राहत दिलाने के लिये राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कम्पनियों के लिये वित्तीय वर्ष 2012-13 में 1925 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
उपभोक्ताओं को सहूलियतें
बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं तथा शिकायतों के निराकरण के लिये भी कदम उठाये गये हैं। शहरों में 24 घंटे शिकायत दर्ज करने के लिये कम्प्यूटरीकृत कॉल-सेंटरों की स्थापना की गई। ऑनलाइन विद्युत बिल जमा करने की सुविधा भी शुरू की गई। बिजली बिल भुगतान के लिये एनी टाइम पेमेंट मशीन भी स्थापित की गई है। इसके साथ ही मीटर रीडिंग और बिजली का बिल उपलब्ध करवाने के लिये शहरों में स्पॉट बिलिंग की सुविधा भी लागू की गई।


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