गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

क्राइम ब्रांच के नाम पर लूट के आरोपी चार पत्रकारों व एक महिला को कड़ी कैद

बहुचर्चित एटलस होटल लूट कांड 
उज्जैन, 6 दिसंबर 2012। सत्र न्यायालय ने करीब पांच साल पहले स्थानीय एटलस होटल में राजस्थान के दो लोगों को धमकाकर लूटने के चर्चित मामले में मोना खान सहित पांच आरोपियों को 3 से लेकर 7 साल तक की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। आरोपियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताते हुए होटल के कमरे में दोनों फरियादियों की आपत्तिजनक वीडियो फिल्म बना ली और बाद में उनसे एक लाख रुपए ऐंठने की कोशिश भी कर रहे थे। बाद में पता चला था कि इनमें से पुरुष आरोपी स्थानीय पत्रकार थे।
सप्तम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एके शुक्ला ने सुनाए गए अपने फैसले में अभय तिरवार, अनिल तिवारी, मुन्ना कुशवाह, सचिन गोयल निवासी उज्जैन और मोना खान उर्फ ज्योति सिंह पति जाहिद खान निवासी रेसीडेंसी एरिया इंदौर को दोषी पाया जबकि संदेह का लाभ देते हुए एक आरोपी दिनेश सोलंकी को बरी कर दिया। मोना खान की साथी हिना सरकारी गवाह बन गई थी। पुलिस ने उसे आरोपी नहीं बनाया था। अभियोजन के अनुसार 2 सितंबर 2007 को फरियादी घीसूसिंह निवासी झिझनी (राजस्थान) अपने मित्र गोवर्धनसिंह के साथ इंदौर से कार से उज्जैन आ रहे थे। कार ड्रायवर युनूस चला रहा था। उज्जैन में इंजीनियरिंग कॉलेज के पास मोना खान और उसकी सहेली हिना ने लिट मांगी और रेलवे स्टेशन छोडऩे का आग्रह किया। दोनों को स्टेशन छोडऩे के बाद वे स्टेशन के सामने स्थित होटल एटलस गए और दो कमरे बुक किए। तभी उक्त दोनों लड़कियां मोना खान और हिना उनके कमरे में आ गई बाथरूम में जा घुसी। ठीक इसी समय छ: आरोपी अचानक होटल के कमरे में घुस आए और खुद को क्राइम ब्रांच का बताते हुए एक आरोपी ने घीसूसिंह के सिर पर पिस्टल अड़ा दी और लड़कियों को कमरे से बाहर निकाल दिया। उनके पास वीडिओ कैमरे भी थे। बाद में फरियादियों से मारपीट कर 22 हजार रुपए नकद, सोने की चेन, सोने की अंगूठी, घड़ी और मोबाइल आदि लूट लिए। घटना के बाद फरयादियों को होटल के मैनेजर ने बताया कि ये लोग क्राइम ब्रांच के नहीं बल्कि एक आरोपी अमरश्याम अखबार का पत्रकार है और बाकी भी स्थानीय पत्रकार हैं। दोनों ने दो दिन बाद राजस्थान से लौटकर 4 सितंबर को महाकाल थाने में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने भादवि की धारा 395, 397, 384, 170 और 120(बी) के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरतार किया और न्यायालय में चालान पेश किया था। आरोपियों से नकदी, इटली निर्मित गैर लायसेंसी पिस्टल और अन्य सामग्री बरामद की गई थी। 
ये दी गई सजा 
अभियोजन द्वारा पेश सबूतों और गवाहों के आधार पर न्यायालय ने अभय तिरवार को भादवि की धारा 395 व 397 के तहत 7 साल की सश्रम कैद और 5 हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 323 के तहत 1 साल की कैद और 500 रुपए अर्थदंड, धारा 170 के तहत 2 वर्ष की सश्रम कैद और 1500 रुपए अर्थदंड, धारा 120(बी) के तहत 7 साल की सश्रम कैद और 2हजार रुपए के अर्थदंड और आयुध अधिनियम की धारा 25(1-बी) के तहत तीन साल के सश्रम कारावास और 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी मुन्नाा कुशवाह और मोना खान को धारा 395 के तहत 5-5 साल के सश्रम कारावास व 5-5 हजार रुपए के जुुर्माने, धारा 323 के तहत 1-1 साल के सश्रम कारावास और 500-500 रुपए जुमाने, धारा 170 के तहत 2-2 साल की सश्रम कैद और 2-2 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी है। इसी प्रकार आरोपी अनिल तिवारी और सचिन गोयल को धारा 395 के तहत 3-3 साल की सश्रम कैद और 5-5 हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 323 के तहत 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास और 500-500 रुपए अर्थदंड , धारा 170 के तहत 2-2 साल के सश्रम कारावास और 1500-1500 रुपए अर्थदंड और धारा 120(बी) के तहत 3-3 साल के सश्रम कारावास और 2-2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
आरोपियों को दी गई सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, लेकिन अर्थदंड जमा नहीं करने पर अधिकतम एक साल की सजा सुनाई है। यह सजा अलग से भुगतना पड़ेगी।

 -  (डॉ. अरुण जैन)

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