बुधवार, 5 दिसंबर 2012

कटनी में अधिग्रहण को लेकर किसानों में असंतोष होना स्वीकारा सरकार ने


उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्वीकार किया कि कटनी में वेल्सपन कंपनी हेतु अधिगृहित की जा रही खेती की जमीने से किसानों में असंतोष है। इस मामले में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव की तेरहन सूचनायें पेश की थीं तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का आग्रह स्वीकार कर इस पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा करना स्वीकार कर लिया था।
स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के गोविन्द सिंह ने की जिसमें उन्होंने अधिग्रहण के बहाने किसानों को उजाडऩे का आरोप लगाया। चर्चा के दौरान सत्तापक्ष की ओर से उद्योग मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार उद्योगों को सरकारी जमीनें देने का प्रयास करती है और जरुरत पडऩे पर किसानों की भूमि भी अधिगृहित की जाती है। लेकिन यह अधिग्रहण किसानों को साथ लेकर किया जा रहा है। लेकिन विपक्ष प्रदेश में उद्योगों को आने से रोक रहा है। जबकि खाद्य और डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों का कौन नुकसान कर रहा है यह सभी जानते हैं।
विजयवर्गीय ने विपक्ष के आरोपों को गलत ठहराते हुये कहा कि कटनी में 1980 मेगावाट बिजली का दो हजार एकड़ में प्लांट डालने के लिये भारत सरकार ने पर्यावरण एवं वन की अंतिम स्वीकृति 1 जून,2012 दी है। भारत सरकार के ही रेल्वे ने परिवहन की अनुमति प्रदान की है। मप्र सरकार ने इस उद्योग को एक नये पैसे की सुविधा न देते हुये कलेक्टर गाईड लाईन पर भूमि उपलब्ध कराई है तथा अब तक 14 सौ एकड़ भूमि कंपनी के कब्जे में आ चुकी है।
विजयवर्गीय ने कहा कि भारत सरकार के पुनर्वास पैकेज की तुलना में मप्र सरकार का पैकेज ज्यादा अच्छा है। कटनी में सुनिया बाई ने बीमारी से तंगे आकर आत्महत्या की है जिसकी पुष्टि वीडियोग्राफी में स्वयं उसके पति ने की है। दूसरे युवक द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में भी कारण भूमिअधिग्रहण नहीं था तथा अब स्वस्थ्य हो गये उस युवक ने स्वयं यह बयान दिया है।

  - नवीन जोशी

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