सोमवार, 31 दिसंबर 2012

संविदा पर्यवेक्षक कब होंगी नियमित


भोपाल 30 दिसंबर 2012। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं और बेटियों के मामलें में काफी संवेदनशील माने जाते है, लेकिन केन्द्र सरकार से भरपूर पैसा मिलने के बाद भी महिला एवं बाल विकास विभाग की संविदा पर्यवेक्षकों को नियमित नहीं किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास में पूरे प्रदेश में लगभग एक हजार पर्यवेक्षक संविदा पर कार्यरत है। इनमें ज्यादातर विधवा एवं परित्यक्ता है। विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को समाज दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं देता। इस स्थिति में समाज में ये महिलाएं किस तरह अपना जीवन यापन कर रही होगी ? इसका अंदाजा स्वतः लगाया जा सकता है। एक ओर एक दिन के विधायक को सरकार आजीवन पेंशन दे रही है वहीं दूसरी ओर पांच-पांच वर्ष से कार्यरत सुपरवायजर संविदा पर कार्यरत है। समाज में जैसे-तैसे अपना जीवन यापन कर रही संविदा सुपरवाइजर बिना पेंशन और टीए-डीए के अपनी वृद्धावस्था कैसे काटेगी। वे न तो आंदोलन कर सकती है और न ही धरना व भूख हड़ताल कर सकती है। संविदा शिक्षक और अन्य कर्मचारी तो लामबंद हो जाते है लेकिन ये बेचारी तो अपना काम व घर छोड़कर भोपाल तक नहीं आ सकती। समाज में उपेक्षित इन महिलाओं के प्रति सरकार कोई सकारात्मक पहल करेगी।

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