बुधवार, 5 दिसंबर 2012

किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा : शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंहविधानसभा में चार घण्टे स्थगन प्रस्ताव पर चली चर्चा
भोपाल 5 दिसंबर 2012। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के मामलों में किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्हें उनका वाजिब हक दिलाया जायेगा। उनकी भूमि अधिग्रहण के लिये जोरजबर्दस्ती नहीं होने दी जायेगी। भूमि का अधिग्रहण बातचीत और उनकी सहमति के माध्यम से ही होगा। श्री चौहान ने विपक्ष से आग्रह किया कि प्रदेश में ऐसा वातावरण न बनायें जिससे निवेश हतोत्साहित हो। वे कटनी जिले में वेलस्पन पॉवर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर विधानसभा में कांग्रेस द्वारा बुधवार को लाये स्थगन प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
श्री चौहान ने अपने जवाब में कहा कि प्रदेश के विकास के लिये खेती और उद्योग दोनों जरुरी हैं। खेती के लिये सिंचाई और सिंचाई के लिये बांध जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि बांध बनने से कुछ जमीन डूब में आती है। इस सच्चाई को स्वीकार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बात का पूरा ध्यान रखेगी कि खेती की जमीन डूब में नहीं जाने पाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही केन्द्र के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार करती है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वह केन्द्र के इस अधिनियम में बदलाव की पहल करे।
श्री चौहान ने आगे कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जायेगा कि उद्योगों के लिये कृषि योग्य भूमि उपयोग में नहीं आये। उन्होंने स्पष्ट किया कि उद्योगों के लिये कृषि योग्य भूमि नहीं दी जायेगी। उद्योगों के लिये लैण्ड बैंक बनाये गये हैं। चंबल के बीहड़ों को भी उद्योग लगाने योग्य बनाया जा रहा है और 27 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण 3 साल की औसत दर के आधार पर की जाती थी। हमने यह प्रावधान समाप्त कर वर्तमान साल के कलेक्टर रेट पर अधिकतम दर से जमीन अधिग्रहण का प्रावधान किया है। वर्ष 2011-12 में यह दर ढाई गुना बढ़ा दी गई है। पहले पुनर्वास पैकेज नहीं दिया जाता था। अब जमीन मालिक के हितों के संरक्षण के लिये कई प्रावधान किये गये हैं ताकि कम से कम 5 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर जमीन के स्वामी को मिल सके।
इससे पहले कांग्रेस विधायक स्थगन प्रस्ताव में प्रदेश के अन्य जिलों के भूअधिग्रहण मामले भी उठाना चाहते थे। अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसे लेकर करीब आधा घंटे पक्ष विपक्ष में तकरार होती रही।
करीब चार घंटे चली चर्चा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि उद्योगों के लिए उपजाऊ भूमि के बजाय गैर उपजाऊ भूमि का ही अधिग्रहण किया जाए। प्रदेश में चाहे कटनी हो या फिर उज्जैन, खंडवा, सिंगरौली सभी जगह किसान भूमि अधिग्रहण से दुखी हैं। सिंह ने कहा कि विपक्ष भी प्रदेश में औद्योगिक विकास चाहता है लेकिन किसान की कीमत पर नहीं। जबरिया भूमि अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री किसानन के प्रति जरा भी संवेदनशील है तो तत्काल पूरे प्रदेश में किसानों की अधिग्रहित हो रही भूमि को जांच के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर किसानों को न्याय दिलाए और इस पूरे प्रदेश को बुजबुजा-डोंगरिया बनने से बचाएं। 

- नवीन जोशी

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