शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

खोजना होगा भारत में भारत

वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यक्रम में बोले भागवत
उज्जैन, 27 दिसम्बर, 2012। आज दुनिया को भारत की जरूरत है। दूसरी ओर भारत को ही भारत में खोजने की जरूरत है। कई बार यह सवाल खड़़ा हो जाता है कि भारत में भारत है या नहीं। बच्चे भगवान राम के बारे में नहीं बता पाते। उन्हें राम का परिचय देना पड़़ता है। जिसे स्व गौरव और स्व परिचय नहीं, वह संस्कृति पराक्रम नहीं कर सकती।
यह बात संघ प्रमुख डॉ. गमोहन भागवत ने यहां वनवासी कल्याण आश्रम के 60 साल पूरे होने के अवसर पर हुए कार्यकर्ता समेलन के समापन कार्यक्रम में कही। देश भर की जनजातियों के समागम में संघ प्रमुख के अलावा मुयमंत्री शिवराजसिंह चौहान, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंदजी गिरी सहित प्रदेश के कई मंत्री शामिल हुए। संघ परिवार के मुखिया ने कहा कि जनजातियों को राष्ट्रीय मुय प्रवाह में लाने की जरूरत नहीं है। 
मुयमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम के तीन दिनी कार्यकर्ता समेलन के समापन समारोह में शिरकत करने आए सीएम ने कहा कि प्रदेश में वनवासियों को पौने दो लाख वनाधिकार के पट्टे बांटे गए हैं। सरकार वनोपज समर्थन मूल्य पर खरीद रही है ताकि वनवासियों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके। समारोह को संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंदजी गिरीजी, कल्याण आश्रम के अध्यक्ष जगदेवराम उरांव ने भी संबोधित किया।
धर्मांतरण कानून केंद्र ने रोका- मुयमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सरकार धर्मांतरण पर कानून बनाकर केंद्र सरकार के पास भेज चुकी है। केंद्र के पास कानून अटका पड़ा है। सरकार ने प्रावधान किया है कि किसी को भी धर्मांतरण के लिए पहले एसपी को आवेदन देना होगा। इस बात की तस्दीक की जाएगी कि किसी भी डर या लोभ के चलते धर्म नहीं बदला जा रहा। तस्दीक के बाद ही कोई अपना धर्म बदल सकेगा। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोई भी साहूकार बिना लायसेंस के ब्याज का धंधा नहीं कर सकेगा। इससे भोले वनवासियों का शोषण बंद हुआ।
संकट में आगे आए वनवासी - मुयमंत्री ने कहा कि जब-जब इस देश पर संकट आया, वनवासी हमेशा आगे आए हैं। राम ने लंका विजय अयोध्या की सेना बुलाकर नहीं की, बल्कि वनवासी सेना के साथ लड़े। सीएम ने कहा कि इस समेलन में जो भी मामले उठे हैं, उस पर सरकार और समाज दोनों को सोचना होगा।
जिसकी जमीन उसका भी हक - श्री चौहान ने कहा कि खदान जिस जमीन पर है, उसका भी इस संपदा पर पूरा हक है। यह बात सही है कि जहां से संपदा का खनन हुआ है, उस राशि का 26 फीसद इलाके के विकास पर खर्च होना चाहिए। सीएम ने कहा कि ट्राइबल की कीमत पर टाइगर बचाने का काम हम नहीं करेंगे। इसलिए प्राजेक्ट टाइगर के नाम पर हम वनवासियों का विस्थापन नहीं होने देंगे।
ऊपर वाले कर देंगे विनाश - सीएम ने वनवासियों के भोलेपन का जिक्र करते हुए कहा कि पातालकोट में गहरी खाई में बसी जनजाति के लोगों की सुविधा के लिए सड़क बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि स्थानीय जनजाति के लोगों ने इंकार कर दिया। यहां के लोगों का कहना था कि सड़क बनी और ऊपर वाले नीचे आ गए तो यहां भी वैसा ही विनाश कर देंगे।

 - (डॉ. अरुण जैन)

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