शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

दुष्कृत्य के प्रकरणों में लापरवाही पर, थाना प्रभारी के साथ पुलिस अधीक्षक भी होंगे जिम्मेदार

 
भोपाल 27 दिसम्बर, 2012। दुष्कृत्य के प्रकरणों में किसी भी लापरवाही या न्यायालय द्वारा विपरीत टिप्पणी पर संबंधित थाना प्रभारी के साथ ही पुलिस अधीक्षक भी जिम्मेदार होंगे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध श्रीमती एम. अरुणा मोहन राव ने संबंधित अधिकारियों को महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों में अधिक संवेदनशीलता एवं सक्रियता से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
श्रीमती राव ने सभी लंबित दुष्कृत्य के प्रकरणों का 31 दिसम्बर तक विधिवत निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों में 15 दिन में चालान न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएँ। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण तुरंत करवाकर 24 घंटे में रिपोर्ट ली जाय। समय-सीमा में रिपोर्ट नहीं देने पर डाक्टर को नोटिस दिया जाय। दुष्कृत्य के प्रकरणों में भौतिक साक्ष्य का परीक्षण एफ.एस.एल द्वारा अतिशीघ्र कर एक सप्ताह में अनिवार्यतः रिपोर्ट दी जाय।
श्रीमती राव ने कहा है कि गंभीर अपराधों में पीड़िता को आवश्यकतानुसार मनोवैज्ञानिक तथा विधि परामर्श दिलवाया जाय। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी प्रकरण में विवेचना के बाद खात्मा लगाए जाने की स्थिति पर थाना प्रभारी से लेकर पुलिस महानिरीक्षक स्तर तक इन प्रकरणों की समीक्षा की जाय। समीक्षा के बाद सभी अधिकारियों के एकमत होने पर ही प्रकरण में खात्मा लगाया जाय।


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