बुधवार, 28 नवंबर 2012

अब ग्रामीण क्षेत्रों में खराब ट्रासंफार्मर सात दिन में बदलने होंगे


अब ग्रामीण क्षेत्रों में खराब ट्रासंफार्मर सात दिन में बदलने होंगे
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने जारी की नई संहिता
भोपाल 28 नवंबर 2012। अब यदि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मानसून मौसम के दौरान माह जुलाई से सितम्बर तक विद्युत ट्रांसफर्मर फेल होता है तो उसे वितरण कंपनी द्वारा सात दिन के अंदर तथा शुष्क मौसम में 72 घण्टे में तथा संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टों के अंदर ट्रांसफर्मर बदलना होगा। अन्यथा कंपनी को प्रति उपभोक्ता सौ रुपये प्रतिदिन की की दर से हर्जाना देना होगा। यह नया प्रावधान लागू किया है मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अपनी नई जारी वितरण अनुपालन मानदण्ड द्वितीय पुनरीक्षण विनियम,2012 संहिता में। आयोग ने इससे पहले वर्ष 2005 में जारी संहिता समाप्त कर दी है।
नवीन संहिता के अनुसार, अब शहरों तथा नगरों में लाईट के फ्यूज होने पर कंपनी को कार्य दिवसों में 4 घण्टे के अंदर तथा अकार्य दिवसों में 5 घण्टे के अंदर तथा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घण्टों के अंदर उसे दुरुस्त करना होगा अन्यथा प्रत्येक उपभोक्ता को सौ रुपये प्रतिदिन का हर्जाना देना होगा। खम्बों या पोल लाईन भंग यानी ब्रेकडाउन होने पर शहर तथा नगर में दिन के प्रकाश में 12 घण्टे के अंदर तथा ग्रामीण क्षेत्र में तीन दिन के अंदर उसे चालू करना होगा अन्यथा सौ रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा।
आयोग की नई संहिता के अनुसार, अब धीमें, रेंगते हुये या रुके हुये मीटरों को ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन के अंदर तथा शहरी क्षेत्रों में 15 दिन के अंदर शिकायत मिलने पर बदलना होगा। यदि मीटर जल गया है तथा इसका आरोप उपभोक्ता पर नहीं है तो उसे शिकायत मिलने के सात दिन के अंदर बदलना होगा। ऐसा न करने पर तीनों ही मामलों में सौ रुपये प्रति सप्ताह हर्जाना लगेगा।
नवीन संहिता के अनुसार, अब उपभोक्ता द्वारा देय भुगतान की प्राप्ति से 4 घण्टे के अंदर शहरी क्षेत्रों में तथा 48 घण्टों के अंदर ग्रामीण क्षेत्रों में काटे गये विद्युत कनेक्शन को जोडऩा होगा।
नई संहिता में कहा गया है कि वितरण लाईनों के निर्माण, संचालन तथा संधारण कार्यों के निष्पादन में राज्य की वितरण कंपनियों को भारत सरकार के केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय विनियम,2010 के उपबंधों का कड़ाई से पालन करना होगा।

- डॉ. नवीन जोशी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें