गुरुवार, 29 नवंबर 2012

शिप्रा-नर्मदा ही नहीं, पांच नदियों का होगा मिलन

  उज्जैन. 29 नवंबर 2012। मालवांचल को नर्मदा से निहाल करने के लिए नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना का शुभारंभ गुरुवार को पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया। इस योजना से नर्मदा का जल शिप्रा ही नहीं, बल्कि चंबल, यमुना और गंगा नदी में भी मिलेगा। शिप्रा से होते हुए नर्मदा का जल चंबल में जाएगा। यह नदी उप्र के जालोन जिले के माधोगढ़ तहसील में यमुना से मिलती है। यमुना में समाई नर्मदा इलाहाबाद में गंगा से मिलेगी।
इंदौर जिले के उज्जैनी ग्राम में गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे भूमिपूजन करने के बाद आडवाणी, मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उज्जैन आए और उन्होंने शिप्रा नदी में नर्मदा के जल से अभिषेक किया। इसके बाद वे महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचे।  दोपहर को उन्होंने नानाखेड़ा स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिवराजसिंह मध्यप्रदेश में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। वे एक ऊर्जावान मुयमंत्री हैं। जब वे पहली बार मुयमंत्री बने थे तो मुझे पता नहीं था कि वे इतने परिश्रमी हैं। उन्होंने शिवराजसिंह के सात साल पूरे होने पर अभिनंदन भी किया। इस शिप्रा-नर्मदा लिंक योजना के पहले चरण पर 43 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस योजना पर टोटल ४३२ करोड़ खर्च होने हैं। सरकार ने पहले चरण के कार्य को एक वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है।
यह होगा फायदा - योजना से मालवा के डेढ़ सौ गांवों में पेयजल की व्यवस्था। जलस्तर बढ़ेगा, छोटे उद्योगों को भी जल। उज्जैन में सिंहस्थ के समय नदी में पर्याप्त पानी रहेगा।
इस पर भी काम- नर्मदा-शिप्रा लिंक के बाद नर्मदा-मालवा लिंक प्रोजेक्ट भी शुरू होगा। योजना तैयार की जा रही है। महेश्वर से नर्मदा का जल गंभीर नदी में, इंदिरा सागर जलाशय का पानी कालीसिंध व पार्वती नदी में छोड़ा जाएगा। इससे 17 लाख एकड़ में सिंचाई और 3000 गांवों की प्यास बुझेगी। 

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