शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

जाति प्रमाण पत्र के पारित आदेश पर असंतुष्ट होने पर उसके विरूद्ध अपील का प्रावधान


जाति प्रमाण पत्र के पारित आदेश पर असंतुष्ट होने पर उसके विरूद्ध अपील का प्रावधान

रायपूरः जूलाई 24, 2012:




छत्तीसगढ़ शासन ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में अपील का प्रावधान जोड़ दिया है। सामान्य  प्रशासन विभाग के 19 जूलाई 2012 को मंत्रालय से सभी विभागों को जारी परिपत्र के अनुसार यदि अभ्यर्थी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थाई/अस्थायी जाति प्रमाण पत्र के पारित आदेश पर क्षुब्ध है तो उक्त आदेश के विरूद्ध 30 दिनों के अंदर अपील कर सकता है। अपील के लिए प्राधिकारी भी निर्धारित कर दिए गए हैं।




       जारी परिपत्र में कहा गया है कि अस्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार/नायब तहसीलदार हैं। अतः उनके द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध संबंधित अभ्यर्थी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष अपील प्रस्तुत की जा सकेगी। स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व है, अतः उनके द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध संबंधित अभ्यर्थी संबंधित जिला कलेक्टर के समक्ष अपील कर सकेंगे। कलेक्टर द्वारा इस निमित विशेष रूप से अधिकृत अपर कलेक्टर द्वारा भी अपील प्रकरणों पर विचारण एवं निराकरण किया जा सकेगा।

       अपील के निराकरण के लिए निम्नानुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी – सक्षम प्राधिकारी द्वारा आवेदन अमान्य किए जाने पर कारणों का उल्लेख करते हुए पारित किए गए आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि मांग किए जाने के 15 दिनों के अंदर उपलब्ध कराई जाएगी। आवेदक द्वारा सक्षम प्राधिकारी के आदेश की प्रति और उसके समर्थन में यदि कोई दस्तावेज आदि हों तो उसके साथ अपील प्रस्तुत की जा सकेगी। उपर्युक्त आपील को आवश्यकतानुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और जिला कलेक्टर द्वारा विलंब के संबंध में समाधान कारक कारणों का उल्लेख किए जाने पर 30 दिनों की अवधि के बाद भी स्वीकार किया जा सकेगा। इन प्रकरणों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी अपील का निराकरण 2 माह की अवधि में किया जाकर समुचित आदेश आदेश पारित किया जाए। अपील अवधि क4 गणना करते समय कार्यालय द्वारा नकल तैयार करने में लगाए गए समय को नहीं जोड़ जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा प्रकरण में केवल एक बार ही अपील संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी। राज्य शासन ने इन निर्देशों का कड़ाई सेपालन सुनिश्चित करने को कहा है। जारी परिपत्र में कहा गया है कि स्थाई/अस्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी करने क लिए प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा आवेदनों का परिशीलन गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए और उनका निराकरण अनिवार्य रूप से विहित 6 माह की अवधि में किया जाए। यदि अभ्यर्थी का आवेदन पत्र निरस्त किए जाने योग्य हो तो भी विहित अवधि के भीतर उक्त संबंध में समुचित कारणों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट आदेश पारित किए जाएँ।



 







 



     

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