शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण मुद्दे पर छत्तीसगढ़ पीएसी की साक्षात्कार पर रोक लगाने से किया इन्कार रायपूरः जूलाई 29, 2012:


सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को बड़ी राहत देते हुए राज्य सेवा परीक्षा 2008 के साक्षात्कार का रास्ता साफ कर दिया है। प्रारम्भिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिए जाने के खिलाफ याचिकाकर्ता रविंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में पीएसी और राज्य शासन के विरूद्ध 16 मई को विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए साक्षात्कार पर रोक लगाने की मांग की थी।




       सुप्रीम कोर्ट ने जूलाई 19, 2012 को इस मामले पर सुनवाई करते हुए साक्षात्कार पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब साक्षात्कार का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि पीएसी ने राज्य सेवा परीक्षा 2008 के प्रारंभिक के नतीजों में उम्मीद्वारों को आरक्षण का लाभ दिया है, जिसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि आरक्षण का लाभ परीक्षा के किसी भी एक स्तर पर दिया जा सकता है। कोर्ट के इस फैसले के बाद याचिकाकर्ता ने पीएसी के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मई 16, 2012 को विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए साक्षात्कार पर रोक लगाने की मांग की। पीएसी ने अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट से चार सप्ताह का समय मांगा। जुलाई 27 को एक बार फिर इस मामले पर फिर सुनवाई हुई। इस बार पीएसी ने अपना पक्ष मजबूती के साथ रखा, जिसके बाद कोर्ट ने पीएसी को राहत देते हुए साक्षात्कार पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इस फैसले के बाद पीएसी के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।    



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