गुरुवार, 28 जुलाई 2011

घुसपैठ के चलते देश की सीमाओं पर खतरा बढा: तरुण विजय़

घुसपैठ के चलते देश की सीमाओं पर खतरा बढा: तरुण विजय़
भोपाल 26 जुलाई। घुसपैठ के चलते देश की सीमाओं पर खतरा बढ़ता जा रहा है। चीन और पाकिस्तान लगातार भारतीय सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहे हैं। यदि इस स्थिति से जल्दी निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो देश के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। यह उद्गार राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता श्री तरुण विजय ने विश्व संवाद केन्द्र भोपाल द्वारा आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में व्यक्त किये।
श्री तरुण विजय ने कहा कि भारत के 125000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर चीन और पाकिस्तान ने अवैध कब्जा जमा रखा है। यह दोनों देश आजादी के बाद से लेकर अब तक लगातार भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आठ करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं। यही नहीं कई आतंकी भी यहां अपनी पनाहगाह बना चुके हैं। देश पर कई स्तरों से खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन ने अपने संसाधनों का प्रयोग कर नेपाल तक रेल लाइन बिछा दी है। तिब्बत सीमा तक रेल लाइन बनाने की योजना वह तैयार कर चुका है। लिपुलेख के उस पार तक चीन फोर लाइन सड़कों का निर्माण कर चुका है। इसके विपरीत भारत की ओर से किए जा रहे प्रयास नगण्य हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। बार्डर दर्शन कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि इससे सुरक्षा बलों
का मनोबल बढ़ेगा और सीमा पर रहने वाले लोगों से सीधा संवाद कायम करने में मदद मिलेगी।
पाक अधिकृत कश्मीर के विषय पर उन्होंने कहा कि चीन ने कफिरिस्थान में अपनी सेना के 5 हजार सैनिक तैनात कर दिए है। अपनी मुस्लिम आबादी का पाकिस्तान की सहायता से भारत के विरुद्ध उपयोग करने की पूरी तैयारी कर ली है। चीन ने चारो ओर से भारत की सैन्य घेराबंदी कर रहा है और हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर न्छव् की मबनतपजल ब्वनदबपस में स्थायी सदस्यता से लेकर न्यूक्लीयर सप्लाई ग्रुप तक भारत का पुरजोर विरोध् किया है। उल्टे आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर भी भारत का साथ नहीं दिया। इसके अलावा चीन के नक्शों में पूरा जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया जाता है। अरुणाचल को हरहाल में विवादित रखते हुए चीन सीमा विवाद को सुलझाने में कोई रुचि नहीं रखता और निरंतर घुसपैठ करता रहता है। इस प्रकार चीन भारत के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी सैन्य चुनौती बन गया है।
चीन के आक्रमण की स्थिति में भारत की तैयारी?? विषय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् शील भवन कार्यालय में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व संवाद केन्द्र के न्यासी सचिव डॉ. अजय नारंग, प्रज्ञा प्रवाह के श्री बालकृष्ण दवे, राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र जैन, सह कार्यवाह श्री हेमन्त मुक्तिबोध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के श्री विष्णुदत्त शर्मा के अलावा कई वरिष्ठ कार्यकर्ता, विद्यार्थी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन श्री संगीत वर्मा ने किया।
Date: 26-07-2011

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें