सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

प्रेमी के साथ गई युवती हुई प्यार की जीत


हारे सितमगर, हुई प्यार की जीत, प्रेमी के साथ गई युवती

इंदौर। पलासिया थाने में हाई प्रोफाइल लव स्टोरी पर हुई राजनीतिक खींचतान के बाद सोमवार को दिनभर किसी बॉलीवुड फिल्म की तरह लुकाछिपी का खेल चला। पुलिस ने युवती को कोर्ट में पेश किया जहां से उसकी मंशानुसार प्रेमी युवक के साथ भेज दिया गया।

नेताओं के दबाव को दरकिनार करते हुए सोमवार दोपहर कोर्ट में पेश हुई युवती ने जब युवक रवि जाधव निवासी संगमनगर के साथ जाने की बात कहीं तो उसे इजाजत मिल गई। चूंकि युवती बालिग व पूरी तरह स्वस्थ थी इसलिए उसे युवक के साथ भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही रविवार दोपहर चल रही दबाव प्रभाव की राजनीति भी समाप्त हो गई।

साकेत नगर में रहने वाले पाटीदार परिवार की युवती दो दिन पहले अपने घर से चली गई थी, रविवार दोपहर वह अपने प्रेमी रवि जाधव के साथ पलासिया थाने में पेश हुई। युवती का कहना था कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से गई है। युवती के परिजनों को यह बात हजम नहीं हुई जिसके बाद राजनीति शुरू हुई थी। भाजपा नेता गोलू शुक्ला के साथ ही विधायक जीतू जिराती भी घंटों समर्थकों के साथ पलासिया थाने में डेरा डाले रहे, युवक पक्ष को भी धमकाने का प्रयास चलता रहा। काफी गहमागहमी के बाद रात में युवक को छोड़ दिया गया।


सोमवार सुबह से युवक के परिजन व साथी पुलिस अफसरों से बात करते रहे लेकिन किसी ने भी साफ जानकारी नहीं दी। सीएसपी पंकज पांडे व टीआई जेजी चौकसे कभी एसडीएम के सामने तो कभी जिला कोर्ट में पेश होने की बात करते रहे। साफ जानकारी नहीं आने पर युवक के साथियों ने कलेक्टोरेट के साथ कोर्ट पर भी नजर रखी। करीब 2 बजे बाद युवती को कोर्ट में पेश किया गया।


कोर्ट में युवती के परिजनों ने पुलिस के माध्यम से दो आवेदन दिए थे। एक में मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कहीं गई। कोर्ट ने परीक्षण के बाद युवती को फीट घोषित कर दिया। यहां से उसे दूसरी कोर्ट में पेश किया गया। युवती बालिग है और उसने परिजनों के बजाए युवक के साथ जाने की इच्छा जाहिर की तो उसकी इच्छा को मान लिया गया। कोर्ट में पेश हुए युवक रवि के पिता तोताराम जाधव ने भी युवती को अपनाने की बात कहीं।

टीआई जेजी चौकसे के मुताबिक कोर्ट में पेश होने के बाद युवती उसकी इच्छानुसार युवक के साथ चली गई। युवक के परिजनों ने जल्द दोनों की शादी करने की बात कहीं है। पलासिया थाने से रविवार रात रवाना होने के बाद युवती को पुलिस उसके घर ले गई। दबाव के कारण पुलिस ने नियम के खिलाफ उसे घर भेजा।

रविवार दोपहर से शुरू हुए ड्रामे ने पुलिस का शर्मनाक रूप पेश किया। आम लोगों के मामले में बढ़ चढ़कर अपनी कार्रवाई बताने वाली पुलिस हाईप्रोफाइल मामले में बैकफुट पर आ गई थी। रविवार रात तक थाना नेताओं के कब्जे में था और पुलिस उनके निर्देशों का पालन कर रही थी।

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