सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

मप्र की आर्थिक विकास दर देश से ज्यादा : राज्यपाल

मप्र की आर्थिक विकास दर देश से ज्यादा : राज्यपाल
भोपाल, 21 फरवरी 2011। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत करते हुए सोमवार को राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर ने अपने अभिभाषण में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और कहा कि प्रदेश की आर्थिक विकास दर लगातार दूसरे वर्ष भी देश की विकास दर से ज्यादा है।
राज्यपाल ठाकुर ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार गरीबों, किसानों, जनजातीय वर्गो व विकास की हितैशी है। सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि इस वर्ष भी राज्य की आर्थिक विकास दर 8.49 प्रतिशत है। यह विकास दर देश की विकास दर से कहीं बेहतर है।
उन्होंने आगे कहा कि एक ओर जहां खेती को फायदे का धंधा बनाने के प्रयास जारी हैं, वहीं औद्योगिक विकास की रफ्तार दिन प्रति दिन तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश में खुशहाली आए, कोई भी वर्ग समस्याग्रस्त न हो और गरीब परिवारों को रोजगार मिले व उनकी अगली पीढ़ी सुविधाओं से वंचित न रहे इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने राज्य सरकार के संकल्पों को दोहराते हुए कहा कि सरकार खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसके लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। यही कारण है कि किसानों के लिए अल्पावधि कृषि ऋण पर ब्याज दर तीन प्रतिशत कर दी गई हैं। इससे 36 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित हुए हैं। इतना ही नहीं आगामी वर्ष से किसानों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज देने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने सरकार की कोशिशों का ब्यौरा देते हुए बताया कि सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान वर्ष में लगभग 325 लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
अभिभाषण में राज्यपाल ने आगे कहा कि आर्थिक विकास को गति देने में उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसीलिए औद्योगिक निवेश के लिए उद्योगपतियों को आकर्षित किया जा रहा हैं। इसके लिए उद्योग संवर्धन नीति 2010 की कार्ययोजना जारी की गई है। इस नीति में प्रावधान किया गया है कि स्थापित होने वाले उद्योगों मे 50 प्रतिशत रोजगार मूल निवासी को देने होंगे। इस वर्ष प्रदेश में 11 हजार से अधिक सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों की स्थापना हुई है, जिनमें 23 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।
राज्य को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में कुल उपलब्ध विद्युत क्षमता 8596 मेगावाट है। विद्युत उत्पादन बढ़े इसके लिए 50 निजी कम्पनियों से करारनामों पर हस्ताक्षर लिए गए हैं।
राज्य सरकार ने सभी वगरें को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाओं को अमली जामा पहनाया है। शिशु मातृ मृत्युदर कम करने के लिए प्रयास जारी है। कुपोषण पर अंकुश लगाने के लिए 234 पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित है।
राज्यपाल ने शिक्षा, परिवहन सहित अन्य क्षेत्रों मे राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यो का ब्यौरा दिया। विधान सभा का बजट सत्र 47 दिवसीय है जिसमें कुल 27 बैठकें होंगी। इस दौरान वर्ष 2011-12 का बजट पेश किए जाने के अलावा अशासकीय व शासकीय संकल्प पारित किए जाएंगे।
Date: 21-02-2011

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें