बुधवार, 2 फ़रवरी 2011
महासंघ में संचालक मण्डल का चुनाव शीघ्र हो - मछली पालन मंत्री श्री विश्नोई
उपलब्धियों का मूल्यांकन राज्य योजना आयोग के माध्यम से कराया जायेगा, काम-काज समिति की बैठक में निर्णय
Bhopal: Wednesday, February 2, 2011:
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मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ की उपलब्धियों का मूल्यांकन राज्य योजना आयोग के माध्यम से कराया जायेगा। यह निर्णय महासंघ की मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित संचालक मण्डल की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मछली पालन मंत्री श्री अजय विश्नोई ने की। बैठक में प्रमुख सचिव मछली पालन श्रीमती अजिता वाजपेयी पाण्डे भी मौजूद थी। मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ प्रदेश के दो हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 12 जलाशयों में मछली पालन का कार्य कर रहा है।
विलुप्त महाशीर प्रजाति के संरक्षण के लिये हैचरी संवर्धन क्षेत्र की स्थापना की जायेगी।
महासंघ की 157 सहकारी समितियों में साढ़े तीन हजार सक्रिय मछुआरे सदस्य।
जलदीप योजना का लाभ तीन हजार से अधिक मछुआरों को।
मछली पालन मंत्री श्री विश्नोई ने अधिकारियों को महासंघ में संचालक मण्डल एवं अध्यक्ष का निर्वाचन शीघ्र कराये जाने के भी निर्देश दिये। महासंघ से 157 मछुआरा सहकारी समितियों के लगभग 3 हजार 500 सदस्य हैं। बैठक में महासंघ में कार्यरत दैनिक श्रमिक की आकस्मिक मृत्यु होने पर पांच हजार रूपये की तात्कालिक सहायता दिये जाने का भी निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी में विलुप्त हो रही महाशीर प्रजाति के संरक्षण के लिये होशंगाबाद में नर्मदा नदी के किनारे एक हैचरी सह संवर्धन क्षेत्र की स्थापना किये जाने का भी निर्णय लिया गया। हैचरी निर्माण के लिये कलेक्टर होशंगाबाद महासंघ को तीन हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करायेंगे। महासंघ से जुड़े मछुआरों को सहकारिता के माध्यम से अधिक से अधिक लाभ दिलाये जाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मत्स्यजीवी सहकारी संघ मर्यादित नई दिल्ली की सदस्यता लिये जाने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में बताया गया कि महासंघ द्वारा इस वर्ष दिसम्बर तक 2800 टन मत्स्य उत्पादन किया गया है। इसके अलावा स्पॉन उत्पादन में 100 प्रतिशत से अधिक की उपलब्धि हासिल की गई है। महासंघ के 3300 मछुआरों को जलदीप योजना का लाभ दिलाया गया है। प्रबंध संचालक श्रीमती वीणा घाणेकर ने बताया कि उन्नत किस्म की मछली की पैदावार के लिये इस वर्ष राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड से 5 करोड़ 32 लाख रूपये की स्वीकृति मिली है। महासंघ के चार जलाशयों इंदिरा सागर, बाणसागर, मड़ीखेड़ा एवं ओंकारेश्वर में 184 लाख अंगुलिकाएं डाली गई हैं।
प्रमुख सचिव मछली पालन श्रीमती अजिता वाजपेयी पाण्डे ने विभागीय अधिकारियों को मध्यप्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के तहत मिली राशि का निर्धारित समय-सीमा में उपयोग किये जाने के निर्देश दिये। विश्व बैंक की इस परियोजना में मछली पालन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये एक करोड़ 25 लाख रूपये की राशि मंजूर की गई हैं।
बैठक में वित्त, सहकारिता, नर्मदा घाटी विकास विभाग के प्रतिनिधिगण भी मौजूद थे।
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