बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

बरसों बाद पूरी हुई खजुराहो के मंच पर आने की तमन्ना


बरसों बाद पूरी हुई खजुराहो के मंच पर आने की तमन्ना

हेमामालिनी ने कहा लक्ष्मीकांत शर्मा है सच्चे संस्कृति कर्मी
Bhopal: Wednesday, February 2, 2011:

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सुप्रसिद्ध नृत्यांगना और भारतीय सिने जगत की दिलकश अदाकारा सुश्री हेमामालिनी ने खजुराहो नृत्य महोत्सव में आने की अपनी बरसों की अभिलाषा का खुलासा किया। उन्होंने इस कसक को बयाँ करते हुये कहा कि उनकी इस प्रतिष्ठित मंच पर प्रस्तुति की चाहत बहुत पुरानी थी जो तीन दशक से भी ज्यादा वक्त तरसा कर अब पूरी हुई। हालाँकि इसे लेकर मेरी बेटियाँ ज्यादा खुशकिस्मत निकलीं जिन्होंने तीन साल पहले इस मंच पर आने का मौका हासिल कर लिया। महोत्सव में शामिल होने से गदगद नृत्यांगना हेमा मालिनी ने इसके लिए संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। हेमा मालिनी ने कहा कि श्री लक्ष्मीकांत शर्मा जैसे सच्चे संस्कृति कर्मी मध्यप्रदेश में नई अवधारणा के साथ संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रहे है। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री हेमामालिनी का शाल उढ़ाकर सम्मान किया।

खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुभारंभ संध्या में भरतनाट्यम और ओडिसी भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों की खूबियों का भरपूर अहसास कराने के बाद सिने तारिका हेमामालिनी दर्शकों से भी मुखातिब हुई थीं। उन्होंने कहा कि देश की सारी जानीमानी शास्त्रीय नृत्यांगनाएं शुरु से ही इस उत्सव में प्रस्तुति का गौरव पा चुकी हैं। मेरे भीतर यह टीस सालती रही कि मैं इससे क्यों वंचित रह गई। सुश्री हेमा का कहना था कि खजुराहो नृत्य महोत्सव में आकर ही कई नृत्यांगनाएं इस क्षेत्र में परवान चढ़ीं।

किसने दिया मौका

सुश्री हेमामालिनी ने सबके सामने खुले दिल से माना कि भारतीय शास्त्रीय और लोक कलाओं की हिफाजत और बढ़ावा मौजूदा दौर की अहम जरूरतों में खास तौर पर शुमार है। लेकिन मध्यप्रदेश ने इस कसौटी पर पूरी तरह खरा उतरने की पहली मिसाल कायम कर रखी हैं, यह एक सफेद सच्चाई है। उन्होंने उम्मीद भी जताई कि यहाँ यह सिलसिला कभी थमने नहीं दिया जायेगा।

खजुराहो नृत्य महोत्सव में अपनी प्रस्तुति की अभिलाषा को लेकर उन्होंने यह राज भी खोला कि इसे उन्होंने संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा से अभिव्यक्त करने में झिझक महसूस नहीं की थी। लोगों से श्री शर्मा पहले ही वादा कर चुके थे, इसलिए मुझे भी इस उत्सव में प्रस्तुति के लिए आमंत्रित करने की रजामंदी में देर नहीं की। सुश्री हेमामालिनी ने कहा कि आज श्री शर्मा जैसे संस्कृति कर्मियों की सरकारों में मौजूदगी के बड़े मायने हैं।






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