15 दिन से थाने में जबरन बिठा रखे थे तीन युवक
ग्वालियर, 17Feb2011
रेलवे स्टेशन के नैरोगेज जीआरपी थाने में पंद्रह दिन से तीन युवकों को वहां के थानेदार ने जबरन बंद कर रखा था। इन युवकों को तभी छुड़ाया जा सका, जब रेलवे न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर को थाने की तलाशी करने भेजा। अब थाना प्रभारी इस मामले में सफाई दे रहे हैं, लेकिन छूटे गए युवकों के मुताबिक उन्हें रिहा करने के एवज में एक-एक लाख रुपये की मांग की गई थी।
इसके पहले भी इसी थाने में यहां के प्रभारी आरएस चौहान ने एक व्यापारी को बंद करके जमकर पिटाई की थी, क्योंकि उसने रिहा करने के एवज में धन देने से इनकार कर दिया था। दरअसल इटावा निवासी श्रीप्रकाश और रविप्रकाश पंद्रह दिन पहले ग्वालियर से भिंड जा रहे थे। उसी दौरान उन्हें जीआरपी पुलिस पकड़कर ले गयी। थाना प्रभारी ने श्रीप्रकाश को इसलिए छोड़ दिया, जिससे वह अपने भाई की रिहाई के लिए घर से रुपए ला सके। श्रीप्रकाश ने धन देने से इनकार कर दिया और उसने न्यायालय की शरण ली। रेलवे कोर्ट ने महेन्द्र सिंह को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करके बीती रात को नैरोगेज थाने की तलाशी ली तो उसकी हवालात में रविप्रकाश के अलावा दो और युवक वीरेन्द्र व सोबरन मिले। इन तीनों युवकों की थाने में जमकर पिटाई की गयी थी और रिहा करने के एवज में एक लाख रुपये मांगे गए थे।
इस घटना के बाद भी थाना प्रभारी चौहान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि ये सभी लोग आदतन अपराधी हैं और इनसे पूछताछ के लिए मंगलवार को ही थाने में बिठाया गया था। इन युवकों को फिर से पकड़कर अंदर किया जाएगा। वहीं रेलवे पुलिस के अधिकारी पूरे मामले में जांच करके कदम उठाने की बात कह रहे हैं।
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