रविवार, 9 जनवरी 2011

इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों पर सरकार रखेगी नजरJan


Jan 09, 07:39 pmमुंबई [बॉबी एंथोनी]। जो लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, उन पर सरकार कड़ी निगाह रखने की योजना रही है। गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो [आइबी] ने दूरसंचार विभाग [डॉट] के माध्यम से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया [आइएसपीएआइ] को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

इंटरनेट सेवा मुहैया कराने वालों को ऐसी आसान तकनीकी राह तलाशने को कहा गया है, जिसके द्वारा किसी खास इंटरनेट प्रोटोकॉल [आइपी] एड्रेस का तत्काल पता लगा कर, यूजर द्वारा लॉग ऑन करते ही उसे चिह्नित किया जा सके।

इस आदेश में खास बात यह है कि सरकार अब देश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले हर भारतीय पर नजर रखना चाहती है। भले ही उसका कभी आपराधिक या संदिग्ध रिकॉर्ड न रहा हो।

खुफिया ब्यूरो ने दूरसंचार और सूचना तकनीक विभाग को मोबाइल सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों तथा नेशनल इनफरमेटिक्स सेंटर [एनआइसी] के साथ मिल कर ऐसी व्यवस्था विकसित करने को कहा है, जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल करने की पल-पल की खबर रहे।

सरकार का विचार ऐसी तकनीक विकसित करने का है, जिसमें यूजर को इंटरनेट का प्रयोग करने से पहले एक ऑनलाइन आइडेंटीफिकेशन या पासवर्ड का इस्तेमाल आवश्यक हो। फिर भले ही उसकी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी कोई भी हो।

आइएसपीएआइ के अध्यक्ष राजेश छारिया के अनुसार, 'वे चाहते हैं कि हम उन्हें वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल, बैंकिंग समेत ई-कॉमर्स लेन-देन और हवाई तथा रेल टिकटों की खरीद की जानकारी भी दें।'

आपका डाटा नहीं होगा सुरक्षित विशेषज्ञों के अनुसार यदि सरकार की चली, तो नागरिकों का कोई भी ऑनलाइन डाटा सुरक्षित नहीं रहेगा। इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों जैसी निजी और व्यावसायिक संस्थाओं के पास लोगों की सारी जानकारी पहुंच जाएगी। वे अपने लाभ के लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

नागरिक अधिकारों को हनन

सूत्रों का कहना है कि सरकार का नया कदम संविधान के अचुच्छेद 19 का उल्लंघन है। जिसमें नागरिकों को अभिव्यक्ति और विचारों की आजादी गई है। साथ ही इससे अनुच्छेद 21 और सूचना तकनीक कानून की धारा 69 का भी हनन होता है, जिसमें नागरिकों की निजता को सुरक्षित रखने की बात कही गई है।

सुप्रीम कोर्ट के साइबर कानून विशेषज्ञ अधिवक्ता विवेक सूद के अनुसार, 'यह सुझाव कुछ ऐसा है, जैसे आपके हर बेडरूम में सीसीटीवी कैमरा लगाने को कह दिया जाए। यह असंवैधानिक है।'

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