गुरुवार, 6 जनवरी 2011
सेन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायाJan 06, 04:14 pm
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पीयूसीएल के नेता विनायक सेन ने राजद्रोह के आरोप में मिली आजीवन कारावास की सजा के फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपील दायर की है।
बुधवार को सेन के वकील महेंद्र दुबे ने हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी। सेन का कहना है कि मुकदमें के दौरान न तो आपराधिक मामलों के लिए निर्धारित प्रक्रिया को ध्यान में रखा गया और न ही साक्ष्यों की कानून सम्मत व्याख्या की गई है।
सेन के वकील महेंद्र दुबे ने बताया कि निचली अदालत के फैसले का परीक्षण करने के बाद यह साफ है कि किसी भी किस्म का दोषारोपण संदेह से परे प्रमाणित होना चाहिए, जबकि सेन के मामले में ऐसा बिल्कुल भी प्रतीत नहीं होता है।
दुबे ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य, जो फैसले का आधार बनाए गए है, उनमें भी कोई तारतम्य नहीं है, जबकि एक से दूसरी कड़ी जोड़कर ही चेन बनाई जा सकती है। उसी प्रकार बचाव पक्ष की दलीलों को कोई तवज्जो नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर निचली अदालत का फैसला सर्वग्राह्य नहीं है। इसलिए इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। विनायक सेन को नारायण सान्याल और पीयूष गुहा के साथ 24 दिसंबर को रायपुर के द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने नक्सलियों को समर्थन देने के लिए राजद्रोह का आरोपी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई
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