सोमवार, 10 जनवरी 2011

अब छात्र पंचायत की बारी

Jan 10, 2011
भोपाल, दलित,किसान,महिलाओं की अलग-अलग पंचायत आयोजित करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब छात्र पंचायत लगाने की तैयारी कर रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को हुई उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री कर रहे थे।

गौरतलब हैं कि राज्य का छात्र जगत पिछले कुछ समय से आंदोलित हैं। छात्रों की मांगों को लेकर आरएसएस का छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमीनी लड़ाई लड़ रहा है। उसकी देखा देखी करते हुए कांग्रेस के छात्र संगठन ने भी सोमवार को उग्र आंदोलन किया। इन्हीं बातों को मद्देनजर रखते हुए संभवत: छात्र पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि अधिकृत तौर पर बताया गया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास और छात्र समस्याओं के समाधान के प्रयासों पर विचार के लिए छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रतिभावान विद्यार्थियों की शिक्षा के मार्ग में पैसों की बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में निजी शैक्षणिक संस्थाएं मनमाने ढ़ंग से फीस का निर्धारण नहीं कर सके और अत्यधिक फीस के कारण गरीब छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित नहीं होने पाए के संबंध में समग्र रूप से प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के भवनों का निर्माण समय-सीमा में होना चाहिए। उन्होंने भवनों के निर्माण के लिए आवश्यक धन राशि की व्यवस्था वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त कर करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा संस्थाओ के अतिथि विद्वानों को विभागीय नियुक्तियों में योग्यता अनुसार प्राथमिकता देने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के इच्छुक विद्यार्थियों को शिक्षा के सभी आवश्यक साधन-संसाधन उपलब्ध करवाने के साथ ही रोजगार मूलक शिक्षा के लिए कौशल विकास कार्यक्त्रमों को भी जोड़ना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शिक्षण संस्थाओं से पीड़ित छात्र-छात्राओं की मदद के लिए वैकल्पिक प्रयास किए जाएं। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा समेत विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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