बुधवार, 19 जनवरी 2011

तिरंगा हर हाल में फहराएंगे- अनुराग ठाकुर


ग्वालियर. उमर अब्दुल्ला हों या कोई और, तिरंगा इस देश के मान, सम्मान का प्रतीक है, हम 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर शान से तिरंगा फहराएंगे। किसी में दम हो, तो रोक कर देखे। यह हुंकार मंगलवार को वीरागंना लक्ष्मीबाई की समाधि के सामने स्थित मैदान पर राष्ट्रीय एकता यात्रा के स्वागत में आयोजित सभा में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने भरी।

श्री ठाकुर ने मंच पर वीरांगना लक्ष्मीबाई की शहादत को प्रणाम करते हुए जब यह पंक्ति कही- खूब लड़ी मर्दानी वो तो —, इस पर भीड़ ने ऊंचे स्वर में कहा- वह तो झांसी वाली रानी थी। इसके बाद श्री ठाकुर बोले- इतिहास गवाह है, मप्र की धरती बलिदान देने में सदैव आगे रही है।

जम्मू-कश्मीर के मुद्दे और यात्रा के मकसद पर आते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में दो निशान-दो विधान नहीं चलने दिए जाएंगे। आज कश्मीर में देश के सम्मान पर संकट खड़ा हुआ है। केंद्र की संप्रग सरकार के समर्थन से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे उमर अब्दुल्ला अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाते हुए वहां तिरंगा न फहराने देने की बात कहते हैं।

उन्होंने चेतावनी दी- देश के नौजवान तिरंगे के सम्मान में उठ खड़े हुए हैं, वे उमर के अलगाववादी मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। हम दिग्विजयसिंह ( कांग्रेस महासचिव) की तरह कायर नहीं हैं। श्री ठाकुर ने कश्मीर की स्थिति के लिए केंद्र की मनमोहन सरकार से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा, कश्मीर की स्थिति के लिए स्वर्गीय पं. नेहरू और उनकी नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने युवाओं से लाल चौक पर तिरंगा फहराने के अभियान में शामिल होने का आह्वान किया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने यात्रा का स्वागत करते हुए कहा- ग्वालियर-चंबल संभाग की मिट्टी वीरों और शहीदों को जन्म देने वाली मिट्टी है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश श्री ठाकुर को देते हुए श्री झा ने कहा- पूरे प्रदेश की ओर से यात्रा का, तिरंगे के सम्मान का स्वागत है।

लाल चौक पर फहरेगा तिरंगा:

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि लाल चौक पर प्राणों से प्यारा तिरंगा फहराया जाएगा। सभा को भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष जीतू जिराती, राज्य बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष जयभानसिंह पवैया ने भी संबोधित किया।

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार पर इच्छा शक्ति की कमी होने की बात कही है। मंगलवार को यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए सांसद तोमर ने कहा कि कश्मीर में अलगाववाद का मुद्दा हो या देश में बढ़ती महंगाई का, केंद्र सरकार उसके खिलाफ सख्त कदम नहीं उठा पाती है।


राष्ट्रीय एकता यात्रा लेकर कोलकाता से चले अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि यात्रा की शुरुआत से पहले ही लाल चौक पर झंडा फहराने को लेकर कश्मीर के अलगाववादियों की चुनौतियां मिलना शुरू हो गई थीं। इतना ही नहीं राज्य के मुखिया उमर अब्दुल्ला ने भी आपत्ति जताई है। वैसे भी वे अलगाववादियों की भाषा ही बोलते हैं।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के खिलाफ गलत बयानी करने वाले जफरयाब जिलानी और मीरवाइज फारुख को न्यायालय के आदेश के बाद भी जम्मू-कश्मीर सरकार ने गिरफ्तार करने की कार्रवाई नहीं की है। श्री ठाकुर ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों को सुरक्षित बचाने के लिए जान की बाजी लगाने वाले एक दर्जन से अधिक सैनिकों के परिजनों को अब तक मुआवजा राशि नहीं दी गई है।

घाटी के बेरोजगार युवाओं के लिए कोई योजना नहीं है, लेकिन कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर पाक अधिकृत कश्मीर में बसने वाले लोगों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री ने डेढ़ लाख रुपए और दो हजार रुपए मासिक भत्ता देने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के प्रयास नहीं किए जाएंगे, तब तक दूरियां बनी रहेंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह सुर्खियों में बने रहने के लिए हिंदू विरोधी बयान देते रहते हैं।


भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय एकता यात्रा की अगवानी महानगर के लोगों ने मंगलवार को पुष्प वर्षा से की। यात्रा के शहर में प्रवेश करते ही विक्की फैक्टरी तिराहे पर महापौर समीक्षा गुप्ता, प्रदेश के गृह राज्यमंत्री नारायणसिंह कुशवाह और राज्यसभा सदस्य माया सिंह ने अगवानी की। यात्रा का स्वागत करने वालों में डॉ. अंजलि रायजादा, नियाज मोहम्मद के नेतृत्व में मुस्लिम समाज व संजीव सिंह कुशवाहा आदि शामिल थे।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को ग्वालियर नहीं आ सके। कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें मंगलवार को राष्ट्रीय एकता यात्रा के स्वागत में आयोजित सभा में शामिल होना था। तय कार्यक्रम के मुताबिक सीएम को दोपहर बाद विमान से ग्वालियर आना था। विमानतल पर उनकी अगवानी के लिए प्रशासनिक अमला पहुंचा भी था पर जब पता चला कि सीएम नहीं आ रहे हैं, तो वह वापस लौट आया।



जयंत ठाकरे के निधन और सीएम के गृह ग्राम जैत में चल रही कथा में शामिल होने विहिप नेता अशोक सिंहल के वहां पहुंचने पर वे यात्रा में शामिल नहीं हो सके। इन दो कारणों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यात्रा की अगवानी के लिए ग्वालियर नहीं आ सके हैं।

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