मकर संक्रांति पर्व बना किसान क्रांति पर्व, मुख्यमंत्री ने दिया कर्ज पर एक प्रतिशत ब्याज दर का तोहफा
पाला प्रभावित किसानों को दी अनेक सौगाते, आभार प्रदर्शन करने आये किसानों पर बलिहारी हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल, 15 जनवरी 2011। अगले वित्त वर्ष से प्रदेश के सभी किसानों को सहकारी ऋण एक प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध करवाने की घोषणा कर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज देश में एक नया इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने इस निर्णय से खेती को फायदे का धंधा बनाने की अपनी प्राथमिकता की पूर्ति की दिशा में एक लम्बी छलांग लगायी। उन्होंने न केवल प्रदेश को किसानों के हित में एक प्रतिशत की दर से ऋण देने वाला देश का पहला प्रदेश बनाया बल्कि किसान हितैषी घोषणाओं की झड़ी लगाकर मकर संक्रांति के पावन पर्व को किसान क्रांति पर्व में बदल दिया। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान आज शाम मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में तेज शीत लहर और पाले से प्रभावित किसानों के हित में तत्परता से कार्य करने पर आभार ज्ञापित करने आये हजारों किसानों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों के बीच पाले से प्रभावित किसानों सहित सभी किसानों के हित में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
किसानों को दी अनेक सौगातें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के कर्जे की वसूली स्थगित करने के साथ ही उनका एक वर्ष का ब्याज भी माफ किया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि यह ब्याज राशि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चुकायी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों द्वारा लिये गये कर्ज पर एक वर्ष की ब्याज माफी के साथ ही अगले वर्ष भी उनसे कर्ज राशि पर बारह प्रतिशत की जगह तीन प्रतिशत ब्याज ही लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर लायसेंसी साहूकारों द्वारा किसानों को दिये गये कर्ज को कानून बनाकर शून्य घोषित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कर्ज की जबरिया वसूली करने वालों को जेल भेजने का प्रावधान भी प्रस्तावित कानून में किया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि अब प्रदेश में लायसेंसी साहूकार द्वारा दिये जाने वाले कर्ज पर मनमानी दरों से ब्याज नहीं लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्ज पर ब्याज राशि का निर्धारण भी राज्य सरकार द्वारा शीघ्र किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रभावित किसानों के भू-राजस्व को माफ कर दिया गया है। श्री चौहान ने कहा कि तुअर बोने वाले किसानों को 11 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से राहत राशि दी जायेगी। उन्होंने गेहूं, चना जैसी सिंचित फसलों को 50 प्रतिशत से ज्यादा के नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 8,500 रूपये के मान से, दो हेक्टेयर के लघु सीमांत किसानों को सभी तरह की सब्जियों के 25 से 30 प्रतिशत नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 8,500 रूपये और 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान पर 11 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर और दो हेक्टेयर से अधिक के किसानों को 25 से 50 प्रतिशत नुकसान पर 6,400 रूपये प्रति हेक्टेयर और 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर 8,300 रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से, फलदार पेड़ों को हुए नुकसान पर 350 रूपये प्रति पेड़ और पान की फसल को पहुंचे नुकसान पर दी जा रही राहत को 22 से बढ़ाकर 25 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से प्रदाय करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने फौरी तौर पर किसानों को राहत राशि देने के लिये अपने संसाधनों से 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि राहत राशि की यह सीमा अंतिम नहीं है। सभी प्रभावित किसानों को राहत देने के लिये जितनी राशि की जरूरत होगी वह मुहैय्या करवायी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में शीत लहर और पाले से फसलों को हुए नुकसान का तेजी से आकलन करने के निर्देश प्रशासन को दिये हैं। उन्होंने कहा कि आकलन में पर्याप्त उदारता और संवेदनशीलता बरतने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि नुकसान को कम दर्शाने वाले अमले को नौकरी नहीं करने दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार फसलों को हुए नुकसान का आकलन खेत और फसल को एक इकाई मानकर किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय फसल बीमा योजना की खामियाँ बताते हुए कहा कि उन्होंने इस पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि फसल योजना के दायरे में हर किसान को लाने, फसलों को हुए नुकसान के लिये किसान के खेत को इकाई मानने और बीमित किसान की फसल हानि पर उसे आवश्यक रूप से मुआवजा मिलने के प्रावधान राष्ट्रीय फसल बीमा योजना में किया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना में सुधार और केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के साथ किये जा रहे सौतेले व्यवहार के विरूद्ध जरूरी होने पर आंदोलन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य सरकार को किसानों की सरकार बताया। उन्होंने कहा कि किसानों को राहत देने की कीमत पर विकास कार्यों को भी रोकना पड़ा, तो ऐसा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की भूमि पर किसी भी किसान को मरने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता के रूप में लोगों का जीवनदाता है किसान। प्रदेश में किसान की बेहतरी के लिये कोई कोर-कसर नहीं रखी जायेगी। उन्होंने प्रदेश भर से आये किसानों द्वारा धन्यवाद स्वरूप पहनायी गई पगड़ी की लाज हर कीमत पर रखने का संकल्प लिया।
सांसद श्री कैलाश जोशी ने कहा कि केन्द्र सरकर ने अभी भी किसानों के प्रति नकारात्मक रूख अपना रखा है जबकि उद्योगों को बराबर रियायतें दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में इतने बड़े पैमाने पर राहत राशि प्रदेश में पहले कभी नहीं दी गई। यह राज्य सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 500 करोड़ अपने खजाने से किसानों को दिया है जबकि केन्द्र ने अभी तक राहत की घोषणा नहीं की है। श्री जोशी ने केन्द्र सरकार के किसान विरोधी रवैये के विरोध में केन्द्र के खिलाफ संघर्ष की तैयारी की जरूरत बतायी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद श्री प्रभात झा ने कहा कि प्रदेश में किसानों द्वारा मुख्यमंत्री के आभार ज्ञापन से एक सकारात्मक राजनीति की शुरूआत हुई है। उन्होंने केन्द्र सरकार में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे केन्द्रीय मंत्रियों से आग्रह किया कि वे राज्य सरकार का साथ देते हुए केन्द्र सरकार पर शीघ्र राहत राशि जारी करने का आग्रह करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र का रवैया किसान विरोधी है और इसे अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
विधायक श्री रमेश सक्सेना, श्री मोहन शर्मा, श्री राधेश्याम पाटीदार और पूर्व सांसद श्री राम पाल सिंह ने भी किसानों को संबोधित किया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के पाला प्रभावित किसानों के लिये 500 करोड़ रूपये की राहत राशि और प्रभावित फसलों के लिये बढ़ी हुई राहत राशि की घोषणा के संबंध में प्रदेश भर से करीब दस हजार किसान मुख्यमंत्री को उनके निवास पर धन्यवाद देने आये थे।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर, जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री श्री राम कृष्ण कुसमरिया, परिवहन मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री ध्रुव नारायण सिंह, भाजपा की प्रदेश इकाई के किसान मोर्चा प्रमुख श्री बंशीलाल गुर्जर, सह संगठन मंत्री श्री भगवत शरण माथुर और प्रदेश भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी भी मंचासीन थे।
मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएँ
अगले वित्त वर्ष से सभी किसानों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर सहकारी ऋण।
प्रभावित किसानों का भू-राजस्व माफ।
ऋणों की वसूली स्थगित।
ऋण राशि का एक वर्ष का ब्याज भी माफ।
कर्ज राशि पर एक वर्ष की ब्याज माफी के बाद दूसरे वर्ष लगने वाली 12 प्रतिशत ब्याज दर को घटाकर 3 प्रतिशत किया जायेगा।
गैर लायसेंसी साहूकारों द्वारा दिये गये ऋण कानून बनाकर शून्य किये जायेंगे।
लायसेंसी साहूकार द्वारा दिये जाने वाले ऋण पर ब्याज राशि का निर्धारण करेगी सरकार।
हर फसल के नुकसान पर दी जायेगी राहत।
पहली बार नुकसान का आकलन खेत और फसल को एक इकाई मानकर होगा।
प्रारंभिक तौर पर राहत के लिये 500 करोड़ की व्यवस्था।
जरूरी होने पर अतिरिक्त राहत राशि की भी व्यवस्था होगी।
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