बेशकीमती जमीन की जांच कर रहा ईओडब्ल्यू
कहा- मन्नीपुरम सोसायटी को अपने नियंत्रण में ले सरकार
भोपाल, 24 दिसंबर 2010। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) राजधानी की व्यस्तततम जगहों में से एक चार इमली में नौकरशाहों को आवंटित हुई जमीन की जांच कर रही है कि उन्हें किस आधार पर यह जमीन दी गई। वहां की मन्नीपुरम कालोनी सोसायटी भी संदेह के घेरे में है। जांच में जितने भी साक्ष्य मिले हैं उसके आधा पर सरकार से इस सोसायटी को भंग करने की मांग भी की है।
सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू ने जिला प्रशासन को आवास राहत गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल को जिसे मन्नीपुरम कालोनी सोसायटी नाम दिया, भी भंग करने को कहा व यह भी कहा कि सरकार इसे अपने नियंत्रण में ले। इसके पीछे ईओडब्ल्यू ने यह कारण बताया है कि गृह निर्माण सहकारी संस्था जांच एजेंसी को पूरा सहयोग नहीं कर रही है तथा घोटाले-घपलों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी नष्ट कर रहे हैं सोसायटी के लोग। कहा जाता है कि ईओडब्ल्यू ने इस सोसायटी में बड़े पैमाने पर गंभीर अनियमितताओं की आशंका जताई है और जब तक उसे पूरे दस्तावेज नहीं मिलते, जांच निष्पक्ष रूप से नहीं हो सकती। इओडब्लल्यू भूमि आवंटन में अनियमितताओं के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर जांच कर रही है। इस सोसायटी में अरेरा कालोनी के पॉश इलाके में 13 एकड़ बेशकीमती जमीन है। इस संबंध में सोसायटी के अध्यक्ष के.एल. साहू के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। उधर, कुछ आईएएस अधिकारकी भी इस जमीन आवंटन मामले में जांच के घेरे में हैं। मजेदार बात यह है कि इस सोसायटी को आवेदन देने के तीन माह के अंदर ही जमीन आवंटित कर दी गई। अब जो इस पूरे मामले में फंसे हैं, वे जमीन आवंटन संबंधी दस्तावेज नष्ट कर रहे हैं। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक अरविन्द सक्सेना, उप पंजीयक (डीआर) तहसील आफिस के पत्र के बाद 28 दिसंबर को मन्नीपुरम कालोनी सोसायटी की सुनवाई रखी गई है।
सूत्रों के अनुसार आरोपी के.एल. साहू ने न केवल अनाधिकृत व्यक्तियों को भूखंड आवंटित किए, अपितु कुछ भूखंड सारे नियमों को ताक पर रखकर व्यावसायिक गतिविधियों के लिये अपने परिवार के सदस्यों को भी आवंटित किए। जबकि इस सोसायटी को जमीन इसलिए आवंटित की गई थी कि वह उसे वैध 187 सदस्यों को भूखंड आवंटित करेगी। आरोप यह भी है कि 69 वर्षीय के.एल. साहू ने इस गृह निर्माण सहकारी संस्था में अवैध रूप से अपने लिये सचिव का पद निर्मित कर लिया और अपने नाम से प्रस्ताव तैयार कर इस सोसायटी को मन्नीपुरम नाम दिया। एक ईओडब्ल्यू अधिकारी के अनुसार इस गृह निर्माण सहकारी संस्था मेें सचिव के नाम का कोई पद ही नहीं है। इस संस्था के लोगों ने इस जांच एजेंसी को जो बयान दर्ज कराए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं।
Date: 24-12-2010 Time: 16:48:28
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