भोपाल। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बाद भ्रष्टाचार को लेकर चल रही बहस की बीच शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार भ्रष्टों की संपत्ति जब्त करने का कानून बनाने की तैयारी कर रही है।
देश में इस तरह का कानून अभी तक केवल बिहार एवं आंध्रप्रदेश में ही बनाया गया है। बिहार में कानून हाल ही में बनाया गया है। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कानून बनाने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस प्रस्तावित कानून में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए निर्माण को राजसात कर इसका उपयोग जनहित किए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों ने इस तरह के कानून की आवश्यकता बताते हुए कहा कि वर्तमान भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम काफी लचर है। इस कानून की खामियों के कारण भ्रष्टाचार के आरोपी आसानी से बच निकलते हैं। सूत्रों ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही देश व्यापी बहस में यह बात उभर कर सामने आई है कि गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है, तो संभवत: भ्रष्टाचार को कुछ हद तक रोका जा सकता है। कुछ अदालतों ने भी संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए हैं।
मध्यप्रदेश के देवास की विशेष अदालत ने तो भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए इंजीनियर पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना ठोक दिया था।
लोक निर्माण विभाग के इस सब इंजीनियर को सोमवार को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त सब इंजीनियर प्रीतम सिंह को लोकायुक्त पुलिस ने अनुपातहीन संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था। प्रीतम सिंह ने शाजापुर में वर्ष 1985 से 2002 के बीच अनुपातहीन संपत्ति जोड़ ली थी। यह सूचना मिलने पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की थी।
सिंह के खिलाफ जाच में पता चला था कि सेवा अवधि में उसकी आय 15,98,791 रूपए थी, जबकि खर्च 64,68,068 रूपए था। उसने 48,69,277 रूपए की अनुपातहीन संपत्ति जुटाई थी। यह राशि कमाई से 304 प्रतिशत अधिक थी। विशेष न्यायालय देवास ने 6 दिसंबर 2010 को आरोपी उपयंत्री को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में तीन वर्ष की कठोर सजा व 5 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया था।
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