बुधवार, 22 दिसंबर 2010

सरकार की नाक दम कर देने वाले किसान आखिरकार माने, आंदोलन खत्म

सरकार की नाक दम कर देने वाले किसान आखिरकार माने, आंदोलन खत्म
भोपाल, 21 दिसम्बर। पिछले दो दिनों से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सड़कों पर उतरकर सरकार की नाक में दम कर देने वाले किसान आखिरकार आश्वासन पर मान गए। सरकार ने 50 मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के साथ जल्दी ही आदेश जारी करने का किसानों को भरोसा दिलाया है।
प्रदेश के किसान बिजली, खाद सहित 183 मांगों को लेकर सोमवार से राजधानी की सड़कों पर डेरा डाले हुए थे। इन किसानों को मनाने के लिए सरकार ने कई कोशिशें की और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों से चार बार सीधी बातचीत भी की। दूसरे व तीसरे दौर में ही सरकार 50 मांगे मानने को तैयार हो गई थी, मगर किसान आदेश पर अड़े थे। आखिर में किसानों का रुख कुछ नरम पड़ा और वे आश्वासन पर राजी हो गए।
मंगलवार की रात को प्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों की 50 मांगे सरकार द्वारा मान लिए जाने का ऐलान किया और भरोसा दिलाया कि जल्दी ही इन मांगों को पूरा करने के लिए आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार से मिले आश्वासन पर किसानों ने आंदोलन खत्म करने का निर्णय ले लिया है। आदेश जल्दी ही मिल जाएंगे ऐसा सरकार ने भरोसा दिलाया है।
किसान आंदोलन का दूसरा दिन उतार-चढाव वाला रहा। सोमवार को समझौता वार्ता विफल होने के बाद मंगलवार को फिर सरकार के प्रतिनिधि व किसान नेताओं की बल्लभ भवन में समझौता वार्ता हुई। इस समझौता वार्ता के बाद सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने ऐलान किया था कि सरकार ने 50 प्रमुख मांगों को मानते हुए आदेश जारी करने का भरोसा दिलाया है। वहीं यह आदेश देर शाम तक किसानों के पास आदेश नहीं पहुंचे।
पॉलीटेकि्न क चौराहे के पास सभा में नेताओं ने किसानों से पूछा कि सरकार ने आश्वासन दिया है, वे इसे मानते हैं तो किसानो का साफ उत्तर था कि लिखित आदेश से कम की किसी भी बात को वे नहीं मानेंगे। वहीं सभा स्थल पर उपस्थित किसान नेता सुरेश गुर्जर ने बताया है कि आदेश के आने के बाद ही किसान भोपाल छोड़ेंगे।
भारतीय किसान संघ के आहवान पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे किसान सोमवार से भोपाल की सड़कों पर उतरे थे। मंगलवार की सुबह कुछ सड़कों पर आवागमन सुधरा मगर रोशनपुरा व पॉलीटेकि्नक चौराहे पर किसानों का डेरा जारी रहा। न्यू मार्केट से कमला पार्क की ओर तथा राजभवन से पॉलीटेकि्नक कॉलेज कम मार्ग पर किसानों की ट्रेक्टर-ट्रालियों रास्ते को जाम किए हुए थे। किसानों का आरोप है कि उन्हें जरूरत के मुताबिक बिजली नहीं मिल रही है, नकली खाद और घटिया बीज मिलने का दौर जारी है। इतना ही नहीं किसानों को मनमाने बिल और फर्जी मामले दर्ज किए जाते हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग सहित अन्य विभाग किसानों की समस्याएं हल करने को तैयार नहीं हैं। सोमवार को पूरे दिन किसानों के आंदोलन के चलते राजधानी बंधक की स्थिति में रही। अधिकांश मार्गो पर जाम का हाल रहा और राजधानीवासी एक-स्थान से दूसरे स्थान को जाने के लिए भटकते रहे। मंगलवार को भोपालवासियों को कुछ राहत जरूर मिली मगर यातायात सामान्य नहीं रहा।
मुख्य मार्ग रोशनपुरा चौराहा से पॉलीटेकि्नक चौराहे तक किसानों का जमावड़ा रहा। मुख्यमंत्री के आवास की ओर जाने वाले अधिकांश मार्गो को किसानों ने रोके रखा था।

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