
इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में जिला प्रोटोकाल अधिकारी, अतिथियों को श्रेणीकरण
Bhopal: Tuesday, December 21, 2010:
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि परिषद की बैठक में प्रदेश में लागू सत्कार व्यवस्था नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में सत्कार व्यवस्था राज्य अतिथि नियम 1958 (संशोधित वर्ष 1968) तथा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के तहत की जाती है। इस व्यवस्था को समग्र रूप से सुदृढ़ बनाने के लिये नियमों में संशोधन किया गया है। संशोधित नियमों-2010 के अनुसार व्यवस्था के लिये 4 करोड़ 58 लाख 70 हजार रूपये का बजट प्रावधान किया जायेगा।
राज्य अतिथियों का सूची-अ एवं सूची-ब में वर्गीकरण किया गया है और राज्य अतिथि के रूप में उनके ठहरने की अवधि, सुरक्षा व्यवस्था, अगवानी एवं विदाई की व्यवस्था, आवास, खानपान, परिवहन एवं टेलीफोन संबंधी व्यवस्था से संबंधित नियमों को संशोधित किया गया है।
सूची-अ में वर्णित राज्य अतिथि को शासकीय एवं अशासकीय भ्रमण पर तथा सूची-ब में केवल शासकीय भ्रमण पर राज्य अतिथि मान्य किया जायेगा। इन सूचियों से पृथक अतिथियों को प्रदेश में भ्रमण पर विभागों की मांग के अनुसार मुख्यमंत्री के आदेश से राज्य अतिथि मान्य किया जा सकेगा। जिन प्रदेशों में मध्यप्रदेश के विशिष्ट अतिथियों को राज्य अतिथि मान्य नहीं किया जाता है, पारस्परिक आधार पर उन प्रदेशों के विशिष्ट अतिथियों को मध्यप्रदेश में राज्य अतिथि मान्य नहीं किया जायेगा। सूची-अ में वर्णित अतिथियों को तीन दिवस तथा सूची-ब में वर्णित अतिथियों को दो दिवस के लिये राज्य अतिथि मान्य किया जायेगा। उनके स्टाफ के ठहरने के संबंध में भी नियम संशोधित किये गये हैं।
राज्य अतिथियों का सुरक्षा प्रबंधन भारत सरकार द्वारा जारी स्थाई निर्देशों तथा समय-समय पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी निर्देशों के द्वारा किया जायेगा। जिले में राज्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के आगमन पर उनके परिवहन, पायलट एवं फालो के लिये किराये के वाहन लगाये जायेंगे। प्रदेश में सत्कार व्यवस्था के लिये सामान्यत: राज्य, जिले अथवा अन्य किसी भी स्थान पर किसी भी शासकीय वाहन का अधिग्रहण नहीं किया जायेगा। बहरहाल, आपातकालीन एंव राहत प्रबंधन व्यवस्था के लिये शासकीय वाहनों का अधिग्रहण जिला कलेक्टर द्वारा किया जा सकेगा।
भोपाल एवं प्रदेश के अन्य स्थानों पर राज्य अतिथियों तथा विशिष्ट अतिथियों के भ्रमण पर अक्सर वीआईपी गेस्ट हाउस एवं सर्किट हाउस में पर्याप्त व्यवस्था नहीं रहती। इस कमी को दूर करने के लिये मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, शिवपुरी, माण्डू, खजुराहो, ओरछा इत्यादि में स्थित होटलों में पर्याप्त कक्ष पूर्व निर्धारित दरों पर सत्कार व्यवस्था के लिये आरक्षित रखे जायेंगे। पर्यटन निगम इन कक्षों का आरक्षण अन्य व्यक्तियों को करने से पूर्व राज्य शिष्टाचार अधिकारी अथवा जिला प्रोटोकाल अधिकारी से परामर्श करेगा।
राज्य अतिथि के अलावा भारत सरकार, अन्य प्रदेश तथा प्रदेश के जिलों में भ्रमण पर पधारने वाले राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, मुख्य न्यायाधिपति, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मंत्री दर्जा प्राप्त निगम/मंडल/आयोग के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, उच्च सुरक्षा प्राप्त महानुभावों के सत्कार, आवास, परिवहन एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था संबंधित कलेक्टर द्वारा शासकीय अतिथि मान्य कर की जायेगी।
इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में राज्य प्रशासनिक सेवा के संयुक्त कलेक्टर स्तर के अधिकारी को जिला प्रोटोकाल अधिकारी पदस्थ किया जायेगा। शेष 46 जिलों में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी को पदेन जिला प्रोटोकाल अधिकारी नामित किया जायेगा। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और भोपाल में सहायक प्रोटोकाल अधिकारी के पद पर राजस्व/भू-अभिलेख विभाग के तहसीलदार/अधीक्षक भू अभिलेख को जिले में उपलब्ध अमले से नामांकित किया जायेगा।
पर्यटन एवं सत्कार की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) को प्रोटोकाल अधिकारी नामित किया जायेगा। इन स्थानों में पचमढ़ी, चित्रकूट, माण्डू, ओंकारेश्वर, महेश्वर कान्हा, पेंच, अमरकंटक, ओरछा, बांधवगढ़, खजुराहो तथा मैहर शामिल हैं। प्रदेश के सभी जिलों में सत्कार शाखा का गठन कर उपयुक्त अमला पदस्थ किया जायेगा। जिले में सत्कार शाखा को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जायेगी।
अन्य निर्णय
मंत्रि परिषद ने माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 एवं 10 वीं) के लोक व्यापीकरण के लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भारत सरकार को भेजे गये पर्सपेक्टिव फ्रेमवर्क प्लान 2009-17 का कार्योत्तर अनुमोदन किया। यह अनुमोदन इस शर्त के साथ किया गया है कि भारत सरकार से मिलने वाली स्वीकृतियों के मद्देनजर 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्लान में तत्समय आवश्यक संशोधन किया जायेगा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान नामक केन्द्र परिवर्तित योजना का वर्ष 2009 में औपचारिक शुभारंभ हुआ। इसका उद्देश्य 14 एवं 15 वर्ष आयु समूह के विद्यार्थियों को गुणवत्ता एवं समतापूर्ण माध्यमिक शिक्षा सुविधा उनकी पहुंच एवं आर्थिक सीमा में उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत समस्त प्रदेशों के लिये एक प्रारूप तैयार करने के लिये जिन तीन राज्यों को चुना गया है उनमें मध्यप्रदेश शामिल है। इस योजना के तहत 18585 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है।
मंत्रि परिषद ने सिंगरौली और अलीराजपुर जिलों में पंजीयन के नये जिले खोलने एवं पंजीयन कार्यालय के लिये आठ पद स्वीकृत करने का निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने हिण्डालको एल्युमिनियम स्मेल्टर एवं कैप्टिव पॉवर प्लांट की स्थापना के लिये सिंगरौली जिले के ग्राम ओडगड़ी में 13.17 हैक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया। यह भूमि इस शर्त पर आवंटित की गई है कि अतिक्रामकों के संबंध में आवेदक द्वारा राज्य सरकार की आदर्श पुनर्वास नीति तथा भारत सरकार की पुनर्वास नीति का पालन किया जायेगा।
मंत्रि परिषद ने छिदंवाड़ा जिले की अमरवाड़ा तहसील के ग्राम राहीबाड़ा, लछुआ, धाधरा तथा मंदानगढ़ में 101.076 हैक्टेयर शासकीय भूमि मेसर्स एस.के.एस. इस्पात एवं पावर लिमिटेड को आवंटित करने का निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने विद्युत उपभोक्ताओं तथा प्रदायकर्ताओं पर लगने वाले विद्युत शुल्क तथा उपकर की दरों पर पुनर्विचार के लिये मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गठित की गई समिति के आदेश का अनुसमर्थन किया।
मंत्रि परिषद ने श्री मो. आदिल खान को कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से एक वर्ष के लिये नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया।
मंत्रि परिषद ने जे.पी.सीमेंट फैक्टरी, रीवा के परिसर में हुई गोली चालन की घटना की जांच के लिये गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग के कार्यकाल को एक जनवरी, 2011 से 30 जून 2011 तक छ: माह पुन: बढ़ाने का निर्णय लिया।
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