मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

भारतीय किसान संघ का धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान अपनी महत्वपूर्ण पचास मांगों के आदेश लिए बिना भ



भोपाल. बिजली, खाद-बीज और खसरा-खतौनी की मूलभूत समस्याओं के निदान की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ का धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान अपनी महत्वपूर्ण पचास मांगों के आदेश लिए बिना भोपाल से जाने को तैयार नहीं हुए।



प्रशासन से बनी सहमति के बाद बीती रात किसानों ने शहर के चारों ओर से बंद रास्तों को खोल दिया। सभी किसान पोलीटेक्निक चौराहा पर पहुंच गए। रोशनपुरा और पोलीटेक्निक चौराहे के आसपास का क्षेत्र ट्रेक्टर-ट्रालियों से पट गया है। नए और पुराने शहर के बीच संपर्क अब केवल पीएचक्यू के सामने वाली सड़क से चल रहा है।



दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद अचानक खबर उड़ी कि सरकार और किसान संघ के बीच 50 मागों को लेकर सहमति बन गई है। किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा धरना स्थल पर पहुंचे उन्होंने मंच से घोषणा की कि आंदोलन के बारे में हमारी टोली निर्णय करेगी। उन्होंने बताया कि पचास मांगों पर सरकार से सहमति बनी है। किसान संघ के प्रवक्ता संदीप श्रीवास्तव ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि टोली ने तय किया है कि आदेश लिए बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा।



गृह मंत्री से नाराज किसान संघ: किसानों पर लाठीचार्ज और पुलिसकर्मियों द्वारा उनके बिस्तर व भोजन तालाब में फेंके जाने की घटनाओं से किसान संघ के कार्यकर्ता गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता से नाराज हैं। शाम को धरना स्थल पर गुप्ता की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया गया। किसान संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सोमवार शाम को चर्चा के दौरान भी उनका रवैया ठीक नहीं था। इसके बाद उनके इशारे पर ही रात में लाठीचार्ज आदि किया गया। किसान संघ के कार्यकर्ता धरना स्थल पर ही उनका पुतला दहन करना चाहते थे। बाद में वरिष्ठ नेताओं की समझाइश पर वे सद्बुद्धि यज्ञ पर सहमत हुए।




आज नेत्रदान, देहदान और रक्तदान: किसान संघ ने आंदोलन के अगले चरण में बुधवार को नेत्रदान, देहदान और रक्तदान करने की घोषणा की है। धरना स्थल पर ही नेत्रदान और देहदान के फार्म भराएं जाएंगे और रक्तदान के लिए शिविर लगाया जाएगा। अगले दिन यानी गुरुवार को किसान रोटी के लिए भीख मांगेंगे। फिर विकासखंड स्तर पर आंदोलन होगा।



नेत्रदान,देहदान और रक्तदान होगा: किसान संघ ने आंदोलन के अगले चरण में बुधवार को नेत्रदान, देहदान और रक्तदान करने की घोषणा की है। धरना स्थल पर ही नेत्रदान और देहदान के फार्म भराएं जाएंगे और रक्तदान के लिए शिविर लगाया जाएगा। अगले दिन यानी गुरुवार को किसान रोटी के लिए भीख मांगेंगे। फिर विकासखंड स्तर पर आंदोलन होगा।


भाजपा सरकार की वादा खिलाफियों से खफा भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों की आज मंत्रालय में संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा से आधा घंटा चर्चा हुई। बैठक के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा कि 50 मांगों पर सरकार ने आज ही आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया है, खाना उठाकर तालाब में फेंका है। ऐसे पुलिस वालों पर मामला दर्ज करने के बाद भी हम तय करेंगे कि आंदोलन स्थगित करना है या नहीं, करना है तो उसका तरीका क्या होगा। सरकार ने सोमवार को गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता को आंदोलन खत्म कराने किसान संघ से चर्चा की कमान सौंपी थी। इस चर्चा की नाकामी के बाद आज संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा को जिम्मेदारी दी गई। दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही कैबिनेट बैठक खत्म हुई। भाकिसं प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा और डेढ़ दर्जन अन्य प्रतिनिधियों के साथ मिश्रा की आधा घंटे चर्चा हुई।

जबकि शर्मा ने कहा कि हम आंदोलन स्थगित करेंगे, लेकिन इसका तरीका क्या होगा, यह हम हमारी टोली अर्थात प्रदेश कार्यकारिणी में तय करेंगे। किसानों पर लाठीचार्ज से नाराज शर्मा ने कहा कि ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने के बाद ही हम तय करेंगे कि आंदोलन खत्म होगा या नहीं। किसानों के ये प्रतिनिधि करीब सवा बजे धरना स्थल पर रवाना हुए। इधर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी वहां पहुंचने वाले हैं।

भारतीय किसान संघ के जाम की आशंका को देखते हुए मंगलवार को कई पालकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं पहुंचाया।
दोपहर में स्कूल छूटने के बाद शहर के विभिन्न स्कूलों से निकली बसें, मारुति वैन, ऑटो आदि खाली ही नजर आए। खासकर निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम रही। कुछ स्कूलों ने तो अपने यहां प्राइमरी सेक्शन में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की जल्दी छुट्टी कर दी। गौरतलब है कि सोमवार को छुट्टी के वक्त किसानों ने जगह-जगह जाम लगा दिया था। इससे भयभीत होकर पालकों ने मंगलवार को अपने बच्चों को स्कूल भेजने में कम रुचि दिखाई।

केम्पियन स्कूल ने अपने यहां प्राइमरी सेक्शन में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की जल्दी छुट्टी कर दी। वहीं, डीपीएस स्कूल लगा जरूर पर पालकों को दूर जाकर अपने बच्चों को बस पकड़वाना पड़ी। सागर पब्लिक स्कूल साकेत नगर, तक्षशिला पब्लिक स्कूल रचना नगर, कार्मल कान्वेंट स्कूल भेल, जवाहर स्कूल, सेंट जोसफ को-एड स्कूल आदि में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम ही रही।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें