हिंदू विरोधी राजनीति अब सहन नहीं करेगें - श्रीकृष्ण माहेश्वरी
आरएसएस के मध्य क्षेत्र (मप्र-छग) संघ चालक श्रीकृष्ण माहेश्वरी ने कहा है कि देश में चल रही हिंदू विरोधी राजनीति के चलते एक और विभाजन का खतरा पैदा हो गया है। ऐसी स्थिति में संघ मौन नहीं बैठ सकता। दस नवंबर का धरना इसी राजनीति के खिलाफ है। इंद्रेशकुमार पर लगे आरोपों से तो संघ कानूनी रूप से निपट लेगा। किया जा रहा बदनाम: माहेश्वरी ने कहा कि मुस्लिम वोट के लिए हिंदू संतों, श्रद्धा केंद्रों और संघ को बदनाम किया जा रहा है। कश्मीर के भारत में विलय को चुनौती दी जा रही है और अफजल गुरू की फांसी टाली जा रही है। इन सबके चलते एक और विभाजन का खतरा पैदा हो गया है। अब यदि विभाजन हुआ तो देश संघ को भी माफ नहीं करेगा। यही वजह है कि अब तक रचनात्मक कार्य करने वाले संगठन ने भी आंदोलन का निर्णय लिया। उन्होंने दावा किया कि संघ प्रचारक इंद्रेशकुमार मुसलमानों को संघ के करीब लाने का प्रयास कर रहे हैं, इसीसे घबरा कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। यूपीए सरकार की असफलता छुपाने के लिए देश के गृह मंत्री ने भगवा आतंकवाद का काल्पनिक हौव्वा खड़ा किया और उसे सिद्ध करने के लिए संघ और इंद्रेशकुमार को बदनाम किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में माहेश्वरी ने कहा कि देवास के सुनील जोशी हत्याकांड की सीबीआई सहित किसी भी एजेंसी से जांच पर संघ को आपत्ति नहीं है। इंद्रेशकुमार पर लगे आरोपों का जवाब संघ कानूनी दायरे में देगा। संघ हर प्रकार की हिंसा और आतंकवाद का विरोध करता है। एक सवाल के जवाब में माहेश्वरी ने कहा कि धरने में शामिल होने को लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों से उनकी कोई चर्चा नहीं हुई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा के भी धरने में शामिल होने के बारे में जानकारी से उन्होंने इनकार किया। भोपाल में लिली टॉकीज पर आयोजित धरने का नेतृत्व संघ के मध्यभारत प्रांत संघचालक शशिभाई सेठ करेंगे। पूर्व संघ सुप्रीमो केएस सुदर्शन भोपाल के धरने में नहीं होंगे। संघ के सभी पदाधिकारी उस दिन जिस जिले में होंगे वहीं धरने में शामिल होंगे। माहेश्वरी स्वयं ग्वालियर में धरने का नेतृत्व करेंगे।
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