ओबामा की यात्रा पर माकपा ने उठाया सवाल
भोपाल, 8 नवम्बर 2010। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मध्य प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन कर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीयत पर सवाल उठाए हैं। माकपा का कहना है कि ओबामा अमेरिका पर छाई मंदी का तोड़ खोजने के मकसद से भारत आए हैं। पार्टी का यह भी कहना है कि अमेरिका भारत को बराबरी का दोस्त भी नहीं मानता, यह बात जाहिर हो गई है।
माकपा ने सोमवार को भोपाल, उज्जैन, रीवा, नरसिंहपुर एवं सिवनी सहित प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन कर अमेरिका की नीतियों की जमकर आलोचना की। माकपा का आरोप है कि अमेरिका के लिए भारत के हितों का कोई महत्व नहीं है, उसके लिए अपने हित ही सवरेपरि हैं।
माकपा के प्रदेश सचिव बादल सरोज ने रीवा में आयोजित सभा में कहा कि ओबामा ने एक तरफ भारत यात्रा के दौरान मुम्बई में ताज होटल में आतंकी हमले की भेंट चढ़े लोगों को श्रद्धांजलि दी, दूसरी ओर इस हमले के मास्टरमाइंड हेडली को अमेरिका भारत को सौंपने से इंकार कर चुका है। इतना ही नहीं, भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन को भी वह भारत को नहीं सौंपा जा रहा है।
सरोज का कहना है कि अमेरिका भारत को बराबरी का दोस्त भी नहीं मानता है। ओबामा तो अमेरिका में छाई मंदी से निपटने के लिए भारत में संभावनाएं तलाशने आए हैं। जहां तक रोजगार बढ़ने बात है, इसका लाभ भारतीयों को नहीं मिलने वाला है।
इसी तरह क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा ने सोमवार को भोपाल में छह स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं कर अमेरिका की 'साम्राज्यवादी नीतियों' का विरोध किया। सभा की भोपाल इकाई के सह सचिव दीपक विद्रोही ने कहा है कि ओबामा ने सिर्फ उदारवादी चेहरा लगा रखा है, जबकि हकीकत में वह भी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों की तरह ही हैं। सभा ने रविवार को ओबामा के पुतलों का दहन किया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें