भोपाल 9 नवम्बर 2010। निजी पॉवर प्रोजेक्ट लगा रही कंपनियों को कोयला उपलब्ध कराने में आसानी की नीति का प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में पारित नहीं हो पाया। वित्त मंत्री राघवजी और खनिज एवं ऊर्जा राज्य मंत्री इसमें सुधार करेंगे। इसके बाद नए सिरे से प्रस्ताव पेश होगा।
पेश हुए कई प्रस्ताव: कैबिनेट ने मप्र गृह निर्माण मंडल का नाम बदलकर मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल (एमपी हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट बोर्ड) करने संबंधी विधेयक के मसौदे को हरी झंडी दे दी। यह विधेयक इसी माह विधानसभा में पेश होगा। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने वगवार सीधी जिला स्थित जेपी सीमेंट से करीब 200 हेक्टेयर गैर पड़त वन भूमि में क्षतिपूर्ति पौधरोपण कराने के लिए 65 लाख 69 हजार रुपए वसूलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इन्हें भी मिली हरी झंडी: प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल में पाठ्यपुस्तक प्रदाय संशोधन विधेयक
:मप्र ग्राम तथा नगर निवेश (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) संशोधन विधेयक
:मप्र भूमि विकास निगम के खात्मे का विधेयक, ठप निगम पर सालाना 56 करोड़ रुपए खर्च हो रहे थे।
:महर्षि पंतजलि संस्थान और राजयोग प्रशिक्षण केंद्र में 33 पदों की मंजूरी
:जल संसाधन विभाग में 1986 में भर्ती हुए आधा दर्जन एई के पदों को को नियमित करना
:90 कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास के अधूरे निर्माण को पूरा करने 36 करोड़ रुपए का पुनरीक्षित बजट
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