रविवार, 26 सितंबर 2010

नकली पुलिसकर्मी थाने में

नकली पुलिसकर्मी थाने में
भोपाल 26 सितंबर 2010। पुलिस की वर्दी में घूम रहे एक युवक को पुलिस ने धर-दबोचा। पूछताछ में आरोपी ने जो खुलासा किया उससे पुलिस के होश उड़ गए। आरोपी ने बताया कि वह यह सब एक महिला के लिए कर रहा था। वह महिला से नौकरी के नाम पर हजारों रुपए ले चुका था।
बैरागढ़ पुलिस के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि बूड़ाखेड़ा गांव में एक युवक पुलिस की वर्दी में घूम रहा है। युवक की गतिविधियां कुछ संदिग्ध हैं। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और जब उससे पूछताछ की तो झूठ का पर्दाफाश हो गया। पुलिस आरोपी को पकड़कर थाने ले आई। यहां आरोपी ने पूछताछ में रहली निवासी गणपत सिंह ठाकुर पुत्र तुलसीराम ठाकुर के रूप में अपनी पहचान बताई। बहरुपिए ने पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद को रहली थाने में पदस्थ बताया। पुलिस ने हकीकत जानने के लिए रहली पुलिस से जानकारी मांगी तो वहां से ऐसे किसी भी नाम के पुलिसकर्मी के थाने में होने से मना कर दिया गया। जिसके बाद साफ हो गया कि यह झूठ बोल रहा है। पुलिस की थोड़ी सख्ती करने पर युवक ने अपनी हकीकत बता दी। उसने बताया कि उसकी रायसेन में एक सपना (बदला नाम) नाम की महिला से कुछ समय पहले पहचान हुई थी। उसके बाद उसकी दोस्ती हो गई और उसका यहां आना-जाना होने लगा। उसने महिला से पचास हजार रुपए यह कहकर लिए कि उसकी पुलिस में नौकरी लगने वाली है। महिला ने उसे पैसे दे दिए। कुछ समय तक तो सब ठीक चलता रहा, लेकिन जब वह पुलिस के बारे में ज्यादा सवाल करने लगी, तो मैंने एक और झूठा बोला। मैंने उससे कहा कि मेरी नौकरी छूट गई है। उसके बाद वह उसी के साथ रहने लगा। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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