नामांतरण-बंटवारा प्रकरणों के निराकरण के लिए दिशा निर्देश
भोपाल: 27, 2010। आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ने प्रदेश के सभी तहसीलदारों को नामांतरण एवं बंटवारा प्रकरणों के निराकरण के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में निराकृत प्रकरणों को अभिलेखागार में जमा करने तथा प्रविष्टि प्रमाणित करने के संबंध में स्थिति स्पष्ट की गई है। तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि बटवारा नामांतरण प्रकरणों को तभी निराकृत करें जब इनके अनुरूप नक्शे में तरमीम कर ली जाए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि नक्शा तरमीम के पश्चात ही नामांतरण, बंटवारा आदि प्रकरणों को अभिलेखागार में जमा किया जाए। उल्लेखनीय है कि शासन को इस संबंध में कुछ शिकायतें मिली थी इसलिए यह निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों में कहा गया है कि नामांतरण, बंटवारा, शासकीय पट्टे की स्वीकृति के फलस्वरूप खातों की पुर्नस्थापना, बंटाकन स्वीकार करने के पश्चात की जाए तथा पेकी, मिन, जुज प्रणाली पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं। इसके लिए मौका मुआयना करने के लिए भी कहा गया है। तहसीलदारों को बंटाकन स्वीकृति के फलस्वरूप निर्मित सर्वेक्षण सांख्यिकी का सर्वप्रथम मौके की स्थित के अनुसार अंकन कराने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि वे खसरा, क्षेत्र पुस्तक एवं बी-1 तथा अन्य सुसंगत भू-अभिलेखों में इसकी प्रविष्टि कराकर आदेश क्रमांक दिनांक का हवाला देते हुए प्रविष्टि प्रमाणित करें।
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