सोमवार, 6 सितंबर 2010

अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ तेज


अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ तेज
पचौरी की राह रोकने में जुटे विरोधी
भोपाल। श्रीमती सोनिया गांधी भले ही चौथी बार कांग्र्रेस की निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गई हैं। लेकिन उनके लिए भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों का चयन आसान नहीं हैं। क्योंकि इस पद के लिए कई नेता ताल ठोकते नजर आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भी अब जोड़-तोड़ तेज हो गई है। वैसे, इस पद पर मौजूदा अध्यक्ष सुरेश पचौरी की फिर से ताजपोशी के ही कयास लगाए जा रहे हैं। किंतु उनके खिलाफ विरोधियों की लामंबंदी से लगता है कि उनकी राह आसान नहीं है। क्योंकि विरोधी बदलाव पर खासा जोर दे रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार पचौरी की राह रोकने की रणनीति के तहत ही उनके विरोधी दिग्गज नेताओं ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष यादव को पचौरी की मुखाफपत के लिए आगे किया हैं। श्री यादव ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों के चयन में दलितों-पिछड़ों अल्प संख्यकों और महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है। यही नहीं उन्होंने सूची में ब्राहम्ण नेताओं की अधिक तादाद होने की बात कहकर सीधे-सीधे पचौरी को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। सूत्रों का कहना है कि श्री यादव ने सूची के बहाने पचौरी विरोध का झण्डा इसीलिए थामा है कि उनकी दोबारा ताजपोशी रोकने के लिए दिल्ली में वातावरण बनाया जा सके। हालाकि पचौरी विरोधियों ने अध्यक्ष पद को लेकर अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव जोर चाह रहे दिग्गज पचौरी के मुकाबले अजय सिंह, विजय लक्ष्मी साधौ और सान सिंह वर्मा में से किसी को भी आगे कर सकते हैं। यह तभी संभव है जब इसके लिए दिल्ली में बैठे प्रदेश के दिग्गज नेता -दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और योतिरादित्य सिंधिंया इनमें से कोई एक नाम तय करें। बावजूद इसके प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा। यह आलाकमान पर ही निर्भर है। अब तक जो संकेत मिल रहे हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए खासा घमासान होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें