रविवार, 2 जून 2013

प्रदेश में अब मेडिकल के पीजी कोर्स हेतु चयन नीट से होगा

भोपाल 2 जून 2013। प्रदेश के सरकारी एवं निजी मेडिकल एवं डेन्टल कालेजों में अब स्नातकोत्तर उपाधि एवं डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश भारत सरकार के नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन द्वारा आयोजित की जाने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी एवं एन्ट्रेंस टेस्ट के माध्यम से होगा। इसके लिये राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मप्र चिकित्सा तथा दंत चिकित्सा स्नातेोत्तर पाठ्यक्रम प्रवेश नियम,2013 जारी कर दिये। 
जारी ताजा नियमों के अनुसार, स्नातकोत्तर उपाधि एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम मेडिकल कौंसिल आफ इण्डिया/डेन्टल कौंसिल आफ इण्डिया/विश्विविद्यालय/राज्य शासन/भारत सरकार/महाविद्यालय की स्वशासी संस्था की यथास्थिति, प्रवेश परीक्षा,आवंटन तथा प्रवेश के समय, समय-समय पर यथासंशोधित प्रवृत्त नियमों तथा विनियमों में किये गये संशोधनों द्वारा शासित तथा विनियमित होंगी। प्रवेश की तारीख से उपाधि की दशा में तीन वर्ष की कालावधि के लिये स्नातेोत्तर उपाधि पाठ्यक्रम एवं पत्रोपाधि यानी डिप्लोमा की दशा में स्नातेोत्तर पत्रोपाधि पाठ्यक्रम दो वर्ष की कालावधि के लिये पूर्णकालिक होंगे। छात्र को संपूर्ण अध्ययनकाल में निजी प्रेक्टिस, अशंकालिक नौकरी या कोई अन्य नौकरी करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
ताजा नियमों में यह भी कहा गया है कि जब भी अपेक्षित हो सही जानकारी दी जानी तथा प्रस्तुत की जानी चाहिये। आनलाईन रजिस्ट्रेशन फार्म भरने से पूर्व अभ्यर्थी को सलाह दी जाती है कि वे नियमों को पूर्ण रुप से पढ़ लें एवं समझ लें और अपेक्षित की गई संपूर्ण तथा सही जानकारी भरें तथा अपेक्षित दस्तावेज संलग्र करें, जिसके अभाव में प्रार्थी को सीट आवंटन तथा प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
नियमों में उक्त पाठ्यक्रम में प्रवेश करने वाले अभ्यर्थियों की सुविधा के बारे में बताया गया है कि उन्हें शिक्षण के दौरान एक साप्ताहिक अवकाश, प्रति शैक्षणिक सत्र में 19 दिवस के आकस्मिक अवकाश, डीन की अनुमति से संपूर्ण सत्र के दौरान छात्रवृत्ति के बिना केवल 90 दिवस का प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। मप्र शासन की सेवा में रत चिकित्सा अधिकारियों को भी इस परीक्षा में बैठने एवं प्रवेश की अनुमति होगी। सेवारत चिकित्सा अधिकारी को कोर्स पूरा करने के उपरान्त डिग्री हेतु 5 वर्ष की सेवा तथा डिपलोमा पूर्ण करने के पश्चात 3 वर्ष की सेवा राज्य सरकार के विभागों को देने हेतु बांड का निष्पादन करना होगा जो पीजी डिग्री हेतु दस लाख रुपये एवं डिप्लोमा कोर्स हेतु आठ लाख रुपये होगा। शिक्षण के दौरान सेवारत चिकित्सा अधिकारी को सरकार से सेवा में मानते हुये नियमित वेतन मिलता रहेगा। मेडिकल कालेजों के प्रदर्शक भी इस परीक्षा में भाग ले सकेंगे। सेवरात पुरुष अभ्यर्थियों के चयन के लिये अधिकतम आयु सीमा 30 अप्रैल को 35 वर्ष होगी तथा महिला अभ्यर्थियों के लिये अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष होगी।

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