रविवार, 5 मई 2013

अहमदाबाद ब्लास्ट का आरोपी उज्जैन से गिरतार


उज्जैन, 4 मई 2013। । जुलाई 2008 में हुए अहमदाबाद बम ब्लास्ट के एक आरोपी को गुजरात एटीएस ने नागौरी मोहल्ले से गिरतार कर लिया। उसकी गिरतारी के बाद तोपखाना क्षेत्र में देर रात तक हंगामा हुआ और लोगों ने सड़क पर उतरकर चक्काजाम का प्रयास किया। क्षेत्र में बड़ी संया में पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस के अनुसार एटीएस ने अहमदाबाद बम ब्लास्ट के आरोपी शाहीद उर्फ उस्मान पिता अब्दुल हमीद निवासी 74/2 नागौरी मोहल्ला को गिरतार किया है। अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट नंबर-11 ने उसका वारंट जारी किया था। इसके चलते एटीएस आरोपी को पकडऩे उज्जैन आई थी। शाहिद के खिलाफ अहमदाबाद में अपराध क्रमांक 226/08 के धारा 302, 307, 120बी, 121ए आदि में प्रकरण दर्ज है। 
गुजरात एटीएस द्वारा अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपी शाहिद की गिरतार की खबर जैसी ही तोपखाना क्षेत्र में फैली, वहां हंगामा शुरू हो गया। कई लोग शाहिद की गिरतारी के विरोध में सड़क पर उतर आए। सूचना मिलते ही बड़ी संया में पुलिस बल मौके पर पहुंचा।  शुक्रवार रात 9.30 बजे क्षेत्र की सारी दुकानें बंद हो गई। लोगों ने चक्काजाम की कोशिश की। हालांकि सीएसपी संजय साहू और महाकाल, खाराकुआं टीआई ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश दी। बताया जाता है कि इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस फोटोग्राफर के कैमरा छीनने का भी प्रयास किया। क्षेत्रवासियों ने पुलिस की कार्रवाई को पूरी तरह गलत करार दिया। मामला बढ़ता देख अधिकारियों ने और पुलिस बल मंगाया। देर रात तक क्षेत्र में तनाव रहा। हालांकि पुलिस ने स्थिति नियंत्रित कर रखी थी। आधा दर्जन टीआई, दो सीएसपी और बड़ी संया में पुलिस जवान देर रात तोपखाना क्षेत्र में गश्त लगाते रहे।
फेब्रिकेशन की दुकान - शाहिद की नीलगंगा चौराहे पर जीएस फेब्रिकेशन के नाम से दुकान है। शाहिद को यहीं से गिरतार किया गया। सूत्रों के अनुसार एटीएस टीम ने उसे दुकान से पकड़ा है। वह पिछले दो-तीन साल से यहां काम कर रहा है। एटीएस ने कॉल डिटेल के आधार पर उसका पता लगाया था। गुपचुप तरीके से पकडऩे के बाद एटीएस ने आईजी से लगाकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारियों से चर्चा की और रात को आरोपी शाहिद को माधवनगर पुलिस थाने ले जाया गया। 
पिता को बताया वारंट - शाहिद के पिता ने पुलिस से कार्रवाई पर असंतोष जताया। इस पर एटीएस अधिकारियों ने शाहिद के पिता को माधवनगर थाने बुलवाकर वारंट बताया। मगर पिता ने वारंट में लिखे नाम पर भी सवाल उठाए। 

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