शनिवार, 9 फ़रवरी 2013

प्रदेश के किसानों को सागौन का मिलेगा विश्व बाजार

 
भोपाल 9 फरवरी 2013। लोकवानिकी के तहत अपनी निजी भूमि पर बेशकीमती सागौन का वृक्ष लगाने वाले प्रदेश के किसानों को विश्व बाजार मिलेगा। शुक्रवार को जर्मनी की फारेस्ट स्टीवर्ड कौंसिल ने अपनी नई दिल्ली स्थित अधिकृत एजेन्सी साईंटिफिक सर्टिफिकेशन सिस्टम यानी एसएसएस से देवास जिले की सतवास एवं कन्नौद तहसीलों में लोकवानिकी कार्यक्रम अपना रहे किसानों के सागौन के वृक्षों का वैज्ञानिक तरीके से निरीक्षण किया। इस दौरान प्रदेश के लोकवानिकी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह एवं डब्ल्युडब्ल्युएफ के निदेशक आशीष मिश्रा भी मौजूद थे।
एसएसएस के मनु एवं राजेश झा ने बांईं गावं में देवागवली, ग्राम गोला पठान के राम निवास जाट, मेनुल ग्राम के कोडर जाट की निजी भूमि में लगे सागैन के वृक्षों का निरीक्ष किया। अब यह एजेन्सी दो हफ्ते के अंदर जर्मना की उक्त संस्था को रिपोर्ट देगी तथा डेढ़ से दो माह के भीतर यह संस्था आईएसओ की तरह प्रमाण-पत्र जारी करेगी। इससे इन किसानों की विश्व बाजार में पहुंच हो जायेगी और उन्हें अपनी उपज की अच्छी कीमत मिलेगी। ज्ञातव्य है कि प्रदेश के लोकवानिकी संगठन ने राज्य के पांच जिलों देवास, होशंगाबाद, बैतूल, दमोह एवं सीधी में किसानों की निजी भूमि पर फारेस्ट मेनेजमेंट प्लान के तहत सागौन के वृक्षों की खेती करवाई है। देवास में इस सागौन की बेहतर उपज होती है। सर्टिफिकेशन के इस काम में देवास जिला लोकवानिकी संगठन के अध्यक्ष किशनलाल पटेल एवं सचिव प्रेमनारायण पटेल भी मौजूद थे।


  - डॉ. नवीन जोशी 

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