मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

न्यायाधीशों के 138 पद स्वीकृत

मंत्रि-परिषद् के निर्णय
तीन सिंचाई परियोजना को 1,387 करोड़ की स्वीकृति, शासन-संधारित मंदिरों के सेवादारों/पुजारियों का मानदेय दोगुना, भोपाल में दो राष्ट्रीय संस्थान के लिये धन-राशि, बायोमास आधारित विद्युत परियोजना क्रियान्वयन नीति में संशोधन

भोपाल 12 फरवरी 2013। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में न्यायाधीश के 138 पद तथा उनके लिये आवश्यक अमले को स्वीकृति दी गई। इनमें से 52 पद जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के हैं। इनके अमले के लिये 468 पद सृजित करने की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा 86 पद सिविल जज वर्ग दो (प्रवेश स्तर) के स्वीकृत किये गये। इनमें से 43 पद वर्ष 2012-13 में और 43 पद वर्ष 2013-14 में सृजित किये जाएँगे। इनके अमले के लिये 301-301 पद सृजित करने की स्वीकृति दी गई।
तीन सिंचाई परियोजना को 1,387 करोड़ की स्वीकृति :
मंत्रि-परिषद् ने छतरपुर जिले की बाँयीं नहर परियोजना के लिये 545 करोड़ 90 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति और निवेश निकासी की अनुमति दी। परियोजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 43 हजार 850 हेक्टेयर है।
मंत्रि-परिषद् ने रायसेन जिले की बारना वृहद परियोजना के विस्तार तथा इसे सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के लिये 581 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति तथा निवेश निकासी की अनुमति दी। इस योजना से वर्ष 2012-13 में 75 हजार 88 हेक्टेयर में सिंचाई की गयी।
मंत्रि-परिषद् ने छतरपुर जिले की सिंहपुर बेराज मध्यम परियोजना के लिये 260 करोड़ 63 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति तथा निवेश निकासी की अनुमति प्रदान की। परियोजना की रूपांकित क्षमता 10 हजार 200 हेक्टेयर है।
पुजारियों का मानदेय :
मंत्रि-परिषद् ने धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अन्तर्गत शासन-संधारित मंदिरों के सेवादारों/ पुजारियों का मानदेय बढ़ाकर दोगुना करने का निर्णय लिया। वर्तमान में इन्हें मानदेय वर्ष 2003 में किये गये प्रावधान के अनुसार किया जाता है। जिन मंदिरों के पास भूमि नहीं है, उनके पुजारियों को 500 रुपये प्रतिमाह, जिन मंदिरों के पास 5 एकड़ तक भूमि है उन्हें 350 रुपये प्रतिमाह तथा जिन मंदिरों के पास 5 एकड़ से अधिक और 10 एकड़ तक भूमि है उनके सेवादारों/ पुजारियों को 260 रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय दिया जाता है। मंत्रि-परिषद् के निर्णय के अनुसार मानदेय की राशि बढ़कर क्रमश: 1000, 700 तथा 520 रुपये हो जायेगी।
दो राष्ट्रीय संस्थान के लिये धनराशि :
मंत्रि-परषिद ने भोपाल में राष्ट्रीय अभिशासन एवं नगरीय प्रबंध संस्थान भोपाल को आरंभ में विकास तथा अन्य अनावर्ती व्यय के लिये 12 वीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक के लिये 5 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बजट प्रावधान करने का निर्णय लिया। संस्थान के लिये नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के बजट में 2 करोड़ रुपये आवर्ती व्यय का प्रतिवर्ष प्रावधान करने का भी निर्णय लिया गया। संस्थान की स्थापना मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1973 के अन्तर्गत की जाएगी। मंत्रि-परिषद् ने संस्थान की नियमावली का भी अनुमोदन किया।
मंत्रि-परिषद् ने भोपाल में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नालॉजी के सेन्टर की स्थापना के लिये राज्य शासन द्वारा 58 करोड़ 65 लाख रुपये स्वीकृत करने का निर्णय लिया। इसके पूर्व राज्य शासन द्वारा संस्थान की स्थापना और अधोसंरचना निर्माण के लिये पूर्व में 52 करोड़ 90 लाख रुपये की राशि अनुमोदित की गई थी।
बॉयोमास विद्युत नीति :
मंत्रि-परिषद् ने बॉयोमास से विद्युत उत्पादन नीति 2011 में संशोधन का निर्णय लेते हुए इस क्षेत्र के त्वरित विकास के लिये कुछ नये प्रावधानों को स्वीकृति दी। प्रस्तावित संशोधनों से प्रदेश में आकलित 1200 मेगावाट की बॉयोमास आधारित विद्युत परियोजनाओं को गति मिलेगी। साथ ही किसानों को कृषि अपशिष्ट से अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
संशोधनों में परियोजना आवंटन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना, परियोजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिये परफॉर्मेन्स गारंटी का प्रावधान तथा अतिरिक्त बॉयोमास की उपलब्धता के लिये गैर-वन पड़त भूमि का आवंटन परियोजना क्षमता के अनुसार किये जाने का प्रावधान शामिल है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें