शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

सम्पत्ति विवरण देने में शिवराज के 11 मंत्रियों में हिचकिचाहट

 
भोपाल 16 फरवरी 2013। अपनी सम्पत्ति का विवरण सार्वजनिक करने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 11 मंत्रियों में हिचकिचाहट है। जबकि स्वयं श्री चौहान ने घोषणा की थी कि हर साल विधानसभा के पटल पर मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य अपनी सम्पत्ति का विवरण पेश करेंगे।
दरअसल विधानसभा चुनावों के समय भारत चुनाव आयोग के निर्देश अनुसार सभी विधायक अपनी सम्पत्ति का विवरण नामनिर्देशन-पत्र के साथ जमा करते हैं। दिसम्बर,2008 के विधानसभा आम चुनावों के समय ऐसा हुआ भी। लेकिन भ्रष्टाचार के बढ़ते आरोपों के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री चौहान को घोषणा करना पड़ी। इस घोषणा के पालन में वर्ष 2010 में मंत्रिपरिषद के सभी 33 सदस्यों जिनमें स्वयं सीएम भी शामिल थे, अपनी सम्पत्ति का विवरण विधानसभा के पटल पर रखा। लेकिन अगले साल यानी वर्ष 2011 में सिर्फ सोलह मंत्रियों ने ही अपनी सम्पत्ति का विवरण दिया तथा सोलह मंत्रियों ने नहीं दिया। सम्पत्ति विवरण न देने वाले इन सोलह मंत्रियों में शामिल थे : बाबूलाल गौर, राघवजी भाई, सरताज सिंह, तुकोजीराव पवार, करण सिंह वर्मा, महेन्द्र हार्डिया, जयन्त मलैया, कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, लक्ष्मीकांत शर्मा, नागेन्द्र सिंह, जगन्नाथ सिंह, रंजना बघेल एवं राजेन्द्र शुक्ल शामिल हैं।
इसी प्रकार, वर्ष 2012 में फिर सिर्फ सोलह मंत्रियों ने ही अपना सम्पत्ति विवरण विधानसभा के पटल पर रखा तथा शेष सत्रह मंत्रियों ने फिर सम्पत्ति विवरण नहीं दिया जिनमें शामिल हैं : पारस जैन, देवी सिंह सैयाम, जयसिंह मरावी, मनोहर ऊंटवाल, अर्चना चिटनीस, अजय विश्रोई, जयन्त मलैया, कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, अनूप मिश्रा, नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, लक्ष्मीकांत शर्मा, नागेन्द्र सिंह, जगन्नाथ सिंह, रंजना बघेल एवं राजेन्द्र शुक्ल। यहां यह उल्लेखनीय है कि अपनी घोषणा पर स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कायम रहे और उन्होंने तीनों साल अपना सम्पत्ति विवरण विस के पटल पर रखा। इस प्रकार, कुल 11 मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने वर्ष 2010 के बाद अब तक अपना सम्पत्ति विवरण नहीं दिया है। यह स्थिति तब है जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने 28 नवम्बर,2011 को विधानसभा में शिवराज सरकार के विरुध्द अविश्वास प्रस्ताव रखा था जिसमें उसने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये थे। अब इस साल यानी वर्ष 2013 में फिर सम्पत्ति विवरण रखा जाना है तथा यह साल इस विधानसभा के कार्यकाल का अंतिम साल है। आगामी 18 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ होने जा रहा है जिसमें देखा जायेगा कि मंत्रिपरिषद के कौन-कौन सदस्य सम्पत्ति विवरण रखते हैं।
रामनरेश यादव होंगे चौथे राज्यपाल :
मप्र विधानसभा में आगामी 18 फरवरी को अभिभाषण पेश करने वाले रामनरेश यादव भाजपा सरकार में चौथे राज्यपाल होंगे। दिसम्बर,2003 में भाजपा राज्य की सत्ता पर आई थी तथा तब से वह अब तक दसवें साल तक सत्ता पर काबिज है। पहला अभिभाषण तत्कालीन राज्यपाल रामप्रकाश गुप्त ने 16 दिसम्बर,2003 को दिया था तथा इसके बाद उन्हींने 23 फरवरी,2004 को फिर दूसरा अभिभाषण पेश किया था। इसके बाद राज्यपाल बलराम जाखड़ ने क्रमश: 7 फरवरी 2005, 14 फरवरी 2006, 19 फरवरी 2007, 25 फरवरी 2008 तथा 7 जनवरी 2009 को लगातार पांच बार अभिभाषण दिया।  इसके बाद राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर ने क्रमश: 22 जनवरी 2010 एवं 21 फरवरी 2011 को अभिभाषण दिया। 21 फरवरी 2012 को वर्तमान राज्यपाल रामनरेश यादव ने ही अपना पहला अभिभाषण पेश किया और अब फिर 18 फरवरी,2013 को वे अपना दूसरा अभिभाषण देने वाले हैं। वे प्रदेश में अब तक हुये राज्यपालों में 19 वें हैं।


  - डॉ. नवीन जोशी  


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