शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

साहू समाज के धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम में किसी के आने पर रोक नहीं


छोटी बाई साहू की जीवंत पर्यन्त सेवा और मृत्यु पश्चात शवयात्रा, मुखाग्नि और तेरहवीं का दायित्व भी निभाया समाज ने 
Bhopal, 04 Jan 2013, साहू समाज के तत्वावधान में सभी धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियां पूर्ण श्रद्धा पर परा और नियमानुसार संचालित की जाती है। समाज के मंदिर एवं धर्मशाला में तथा अन्य स्थानों पर आयोजित किसी भी आयोजन में किसी भी व्यक्ति के आने पर कोई रोक नहीं हैं। कुंठित, संकुचित और समाज के लोगों को अपमानित तथा कार्यकारिणी के सदस्यों को ब्लैकमेल कर अड़ीबाजी करने वाले व्यक्तियों द्वारा साहू समाज को कलंकित कराने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है।
उक्त विचार साहू समाज भोपाल के अध्यक्ष कैलाश साहू, संयोजक संतोष साहू एवं महामंत्री विनोद साहू ने एक पत्रकार वार्ता में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि साहू समाज हमेशा कुप्रथाओं और सामाजिक कुरूतियों के खिलाफ रहा है। भक्त शिरोमणि मां कर्मा देवी की पुण्य स्मृति में समर्पित साहू समाज द्वारा सामाजिक संगठन, धार्मिक एवं सामाजिक कार्य, धर्मशाला एवं कर्मा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और क प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन, खेलकूद की प्रतियोगिताओं के साथ ही आदर्श विवाह का आयोजन किया जाता है।
छोटी बाई ने अपना मकान दिया था समाज को दान अध्यक्ष कैलाश साहू ने बताया कि साहू समाज घोड़ा नक्कास को सोमवारा स्थित एक मकान श्रीमती छोटीबाई साहू पति स्व. श्री झब्बूलाल साहू से वर्ष 1971 में दान में प्राप्त हुआ था। यह मकान राजकुमार साहू के मकान के बगल में स्थित है। मकान में स्थान कम होने के कारण दिनांक 16.01.2000 को कार्यकारिणी की बैठक में उक्त मकान बेचने का निर्णय लिया गया तथा उक्त निर्णय का अनुमोदन दिनांक 10.09.2000 की अद्र्धवार्षिक साधारण सभा में हुआ। तत्समय मकान की अनुमानित कीमत लगभग 5,50,000/- रुपये आंकी गई थी चूंकि मकान राजकुमार साहू के मकान से सटा हुआ था इसलिए राजकुमार साहू द्वारा मकान हड़पने के उद्देश्य से मकान के विक्रय में कई तरह की रूकावटे डाली एवं खरीददारों को भड़काया। राजकुमार साहू की इन हरकतों से समाज विचलित नहीं हुई तो उनके द्वारा कहा गया कि वह समाज के सदस्य है इसलिए उन्हेें मकान 2,50,000/- रुपये में दे दिया जाये एवं इसके लिए उनके द्वारा तरह-तरह से दबाव बनाया गया लेकिन समाज उनके दबाव में नहीं आई और मकान का विक्रय श्री सोगानी को रुपये 5,60,000/- में (पंजीयन शुल्क अतिरिक्त) में कर दिया।
मकान की बिक्री से मिली धनराशि से साहू समाज मंदिर घोड़ा नक्कास का जीर्णाद्वार तथा धर्मशाला के हाल का निर्माण कराया गया है।
यहां पर चार बाय दो का शिलालेख लगाया गया है जिस पर लिखा हुआ है कि सोमवारा स्थित मकान को बेचकर धर्मशाला में लगाया गया है।
मंदिर एवं धर्मशाला निर्माण पर समाज ने लगभग एक करोड़ रुपये व्यय किये गये है।
जीवंत पर्यन्त तक समाज ने की छोटीबाई की सेवा
दानदाता छोटी बाई ने अपना मकान समाज को दान में देते समय लिखकर दिया था कि उनके अंतिम समय तक समाज उनकी देखरेख एवं भरण पोषण करेगा। छोटी बाई ने अपना अधिकांश समय संतोष साहू की नानी इमरतबाई के घर गुजारा। बाद में वह साहू समाज के मंदिर में रहकर पूजा पाठ कर अपना जीवन व्यतीत करने लगी। सामाजिक संगठन
द्वारा उनके दोनों समय के भोजन की व्यवस्था होटल सूर्यलोक से की जाती थी। उनके बीमार पडऩे पर उनका इलाज डॉ. अजय दुबे से कराया गया। उनके इलाज और दवाइयों का खर्च भी समाज द्वारा वहन किया गया।
तब कहां थे ये लोग...
समाज के संयोजक संतोष साहू ने बताया कि आज जो लोग अपने आपको छोटी बाई का रिश्तेदार होना बता रहे है। उनमें से कोई भी छोटी बाई के निधन के समय शवयात्रा में शामिल नहीं हुआ। छोटी बाई को मुखाग्नि देकर और कृपाल क्रिया समाज के वर्तमान अध्यक्ष कैलाश साहू ने करके ''''सामाजिक पुत्र'''' का दायित्व निभाया। उन्होंने बताया कि छोटी बाई की तेरहवीं की रसोई भी सामाजिक संगठन द्वारा ही की गई। समाज के पदाधिकारियों ने छोटी बाई की अंतिम समय तक सेवा की। उनके जीवित रहने के दौरान आवास, भोजन एवं उपचार की तथा मृत्यु उपरांत शवयात्रा, अंतिम क्रियाकर्म तथा तेरहवीं की रसोई तक...!
छोटीबाई का बेटा कौन है कोई नहीं जानता...?
कैलाश साहू ने बताया कि छोटी बाई का बेटा कौन हैं...? समाज
में आज तक कोई उसे पहचानता ही नहीं है। वह कल्याण मुंबई में कहीं रहता है वह पूरे जीवन में कभी भोपाल नहीं आया। एक बार छोटी बाई अपने बेटे से मिलने मुंबई गई थी। जहां उनके बेटे बहू ने उन्हें जलाकर मार डालने का प्रयास किया था। जली हुई हालत में जब वह भोपाल पहुंची तब उनके इलाज की सारी व्यवस्था सामाजिक बंधुओं ने की थी।
छोटी बाई के पति झब्बूलाल साहू की मृत्यु के पश्चात किसी ने भी यहां तक उनके पड़ोसी राजकुमार तथा गुलाब चन्द साहू पेटी वालों ने भी पड़ोसी धर्म का निवर्हन नहीं किया और किसी ने भी छोटी बाई को आधी रोटी और पानी के लिये भी नहीं पूछा। तब छोटी बाई ने अपना मकान समाज को दान देकर अपनी देखरेख, भरण-पोषण की जि मेदारी सामाजिक संगठन को दे दी। छोटी बाई ने मकान समाज को दान में दे दिया तभी से राजकुमार और उसके मामा सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों से नाराज हो गये।
न्यायालय में खारिज हो चुके है राजकुमार साहू के दावे
उन्होंने बताया कि राजकुमार साहू को मकान सस्ते में नहीं मिलने के कारण बौखलाकर उन्होंने समाज के पदाधिकारियों पर झूठे आरोप लगाना शुरू कर दिये। विभिन्न विभागों में आवेदन देकर मकान बनाने की अनुमति के लिए परेशान किया गया। अदालत में भी केस दायर किया गया जो कि खारिज हो गया। उन्होंने समाज के पदाधिकारियों पर मनगढ़ंत आरोप लगाये।  दिनांक 05.09.2006 को साधारण सभा का आयोजन कर श्री राजकुमार साहू को लगाये गये आरोप के संबंध बुलाया गया उक्त सभा में राजकुमार साहू एवं श्याम साहू द्वारा समाज को अदालत में निपटने की धमकी दी गई और अपशब्दों का प्रयोग किया गया। उसी साधारण सभा में लगभग 500 लोगों की उपस्थिति में एक मत से श्री राजकुमार साहू के परिवार को समाज के विधान की धारा 5 (ऊ), (ग) के तहत् सदस्यता निलंबित कर दी गई।
राजकुमार साहू से संबंधित इनके तीन रिश्तेदारों पर भी सामाजिक नियमों का उल्लंघन करने पर विधान की धारा 5 (ऊ), (ग) के तहत् निलंबन की कार्यवाही की गई। निलंबन अवधि समाप्त होने पर श्री पन्नालाल साहू साधारण सभा में उपस्थित हुए एवं उनके द्वारा क्षमा याचना करने पर उनका निलंबन समाप्त कर दूसरे सदस्य नारायण प्रसाद से समाज के पदाधिकारियों द्वारा कई बार संपर्क कर साधारण सभा में उपस्थित होने का आग्रह किया। लेकिन वह उपस्थित नहीं हुये।
पदाधिकारियों को ब्लैकमेल करना चाहते हैं गुलाबचन्द गुलाबचन्द साहू पेटी वालों ने अपने निलंबन के खिलाफ साहू समाज भोपाल की कार्यकारिणी के अठारह सदस्यों पर मानहानि के दावे दायर किये हैं जो न्यायालय में विचाराधीन हैं। गुलाब चन्द साहू मुकदमे वापस लेने के लिये प्रत्येक सदस्य से दस लाख रुपये मांगकर उन्हें ब्लैकमेल करने का षडय़ंत्र रच रहे है। वहीं पूरे समाज के साथ गाली गलौच कर समाज को अपमानित और कलंकित कर रहे है।
धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम में सभी धर्मो के लोग आते है संतोष साहू ने बताया कि साहू समाज भोपाल द्वारा आयोजित धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में सभी सामाजिक बंधु सपरिवार शामिल होते हैं। मंदिर एवं कार्यक्रमों में आने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं हैं। उन्होंने बताया कि साहू समाज मंदिर एवं धर्मशाला में अन्य सभी समाजों के लोग भी आते हैं उन्हें भी कोई नहीं रोकता। वहीं अन्य समाजों के धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम भी मंदिर में होते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि कर्मा जयंती एवं डोल ग्यारस पर्व पर समाज का डोल एवं चल समारोह राजकुमार साहू की दुकान मकान के सामने से निकलता है तब इनके परिजन पूजा अर्चना करते है उन्हें कभी किसी ने पूजा अर्चना करने से नहीं रोका। उनके द्वारा लगाये जा रहे आरोप असत्य एवं निराधार हैं।
सामाजिक संगठन ने किया राजकुमार साहू पर मानहानि का मुकदमा
संयोजक संतोष साहू ने बताया कि राजकुमार साहू द्वारा समाज के अध्यक्ष के प्रति किये जा रहे दुष्प्रचार एवं उनकी छवि धूमिल करने के लिए किये जा रहे कुत्सित प्रयासों के कारण उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है जो न्यायालय में प्रोग्रेस पर है।
साहू समाज द्वारा उसके सदस्यों को जोडऩे का कार्य किया जाता है न कि उन्हें तोडऩे का। राजकुमार साहू की नियती एवं अहम् के कारण ही समाज की कार्यकारिणी जिसमें इनके परिवार के भी सदस्य शामिल है को उनकी सदस्यता निलंबन करने का कठोर निर्णय लेना पड़ा लेकिन इसके बाद भी समाज एवं जिला साहू समाज के कई पदाधिकारियों द्वारा उनसे संपर्क कर मध्यस्थता करने की कोशिश की गई लेकिन इनके द्वारा इन कोशिशों को ठुकराकर अनर्गल हरकतें, झूठी शिकायते तथा तरह-तरह की धमकी देकर समाज को झुकाने का प्रयास किया जा रहा है।
कोई भी व्यक्ति समाज से बड़ा नहीं हो सकता
वहीं संयोजक संतोष साहू एवं अध्यक्ष कैलाश साहू ने कहा कि एक व्यक्ति संस्था अथवा समाज नहीं होता बल्कि सभी परिवारों से मिलकर समाज बनता है। सामाजिक नियमों के अनुसार जो निर्णय कार्यकारिणी में लिये जाते है उसे साधारण सभा में रखा जा रहा है।
कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास होने पर ही वह लागू होते हैं यदि कोई कार्यकारिणी के निर्णय से असंतुष्ट है तो उसे अपना पक्ष साधारण सभा के समक्ष रखना चाहिये। समाज को कलंकित और पदाधिकारियों को ब्लैकमेल करने का अधिकार किसी भी व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता।
राजकुमार साहू एवं अन्य द्वारा वास्तविक तथ्यों को छुपाते हुए समाज, मीडिया, पुलिस एवं प्रशासन को गुमराह करने एवं समाज के पदाधिकारियों को झूठे मामले में फंसाने के उद्देश्य से तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं जो समाज हित में नहीं है...?


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