शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

बलात्कार को लेकर भागवत और विजयवर्गीय के बेतुके बोल


  नई दिल्ली।। दिल्ली गैंग रेप के बाद इस मसले पर नेताओं के ऊल-जलूल बयानों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दे डाली, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रेप की घटनाएं गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा होती हैं। उन्होंने कहा कि बलात्‍कार की घटनाएं 'इंडिया' में ज्‍यादा और 'भारत' में कम होती हैं।

एक ओर जहां मध्य प्रदेश सरकार ने रेप के मामलों में दोषियों को 45 से 60 दिन में सजा दिलवाने के लिए 138 नई अदालतें खोलने की घोषणा की है, वहीं सरकार के अहम मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दे दिया है। उन्होंने न्यूज़ चैनलों से बातचीत में रामायण का हवाले देते हुए कहा, 'एक ही शब्द है- मर्यादा। मर्यादा का उल्लंघन होता है, तो सीता-हरण हो जाता है। लक्ष्मण रेखा हर व्यक्ति की खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को कोई भी पार करेगा, तो रावण सामने बैठा है, वह सीता हरण करके ले जाएगा।'कैलाश विजयवर्गीय इससे पहले भी गैर-जिम्मेदाराना बयान दे चुके हैं। पिछले साल जुलाई में गुवाहाटी में हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद उन्होंने कहा था कि महिलाओं को इस तरह के कपड़े पहनने चाहिए कि दूसरों के मन में उनके प्रति सम्मान की भावना जागे।

इस बीच, बीजेपी ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान से दूरी बना ली है। बीजेपी ने कहा कि मंत्री ने जो कुछ भी कहा है वे उनके निजी विचार हैं और पार्टी इससे सहमत नहीं है।

मंगलवार को सिलचर में सिटिजन्स मीट में भागवत ने एक सवाल के जवाब में पश्चिमी जीवनशैल की निंदा करते हुए कहा था कि रेप की घटनाएं गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा होती हैं। उन्होंने कहा कि यौन हिंसा समेत सभी अपराधों की शिकायतें उन इलाकों से ज्यादा आती हैं, जहां लोग पश्चिमी सभ्यता से ज्यादा प्रभावित हैं। भागवत ने कहा,'नए कानून के अलावा महिलाओं के प्रति नजरिए में भी बदलाव की जरूरत है। महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान की हमारी पुरातन संस्कृति को फिर से जीवन में उतारने की जरूरत है।'

भागवत के इस बयान पर विवाद के बाद आरएसएस ने इसका बचाव किया है। आरएसएस के सीनियर नेता राम माधव ने कहा, 'सरसंघचालक के बयान को सही संदर्भों में लिया जाना चाहिए। उन्होंने इस तरह के घृणित अपराधों की निंदा की है और कहा है कि जरूरत पड़ने पर ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को फांसी की सजा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं के लिए बहुत सम्मान है और अगर हम इस भारतीय परंपरा से दूर होंगे तो इस तरह के अपराध बढ़ेंगे।' राम माधव ने कहा कि संघ प्रमुख के बयान को कोई और रंग नहीं देना चाहिए।

कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां, राष्ट्रीय महिला आयोग और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भागवत के बयान की निंदा की है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि भागवत को जमीनी हकीकत का पता नहीं है। पूर्व आईपीएस और सामाजिक कार्यकर्ता किरन बेदी ने कहा कि भागवत को ऐसा लगता है, यह हकीकत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि जहां थाने नहीं हैं, थाने हैं तो महिला पुलिस नहीं है, अस्‍पताल नहीं हैं, मीडिया नहीं है, वहां ऐसी घटनाएं दब जाती हैं।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्क स्ट्रीट में हुए रेप कांड को अपने और अपनी पार्टी के खिलाफ सीपीएम की साज़िश करार दिया था। इतना ही नहीं तृणमूल की ही एक और नेता काकोली घोष ने भी बयान दिया थी कि पार्क स्ट्रीट रेप कांड दरअसल रेप नहीं, महिला और उसके 'ग्राहकों' के बीच पैदा हुई एक 'गलतफहमी' थी।

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