बुधवार, 30 जनवरी 2013

स्कूल-कालेजों में पढ़ाई के साथ देंगे व्यवसायिक शिक्षा

भोपाल में आयोजित स्किल समिट में बनेगी रुपरेखा
तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने की घोषणा
भोपाल 29 जनवरी 2013। राज्य के स्कूलों एवं कालेजों में पढ़ाई के साथ व्यवसायिक शिक्षा भी दी जायेगी। इसकी रुपरेखा 31 जनवरी एवं 1 फरवरी को भोपाल के लाल परेड मैदान पर आयोजित होने वाली  ''''स्किलिंग मध्यप्रदेश" स्किल समिट में विद्वानों के विचार-विमर्श से तय की जायेगी। यह घोषणा मंगलवार शाम तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने जनसम्पर्क संचालनालय में आयोजित पत्रकार-वार्ता में की।
श्री शर्मा ने बताया कि इस दो दिवसीय समिट के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद वेंकैया नायडू भी उपस्थित रहेंगे। यह समिट सीसीआई के सहयोग से आयोजित की जा रही है जिसमें स्मार्ट क्लास रुम, एडवांस इंजीनियरिंग लेब, लैंग्वेज लेब एवं बीपीओ का सजीव प्रदर्शन भी किया जायेगा। श्री शर्मा ने बताया कि देश में बेरोजगारी की गंभीर समस्या है तथा रोजगार के लिये लोगों के कौशल को बढ़ाना जरुरी है। अभी तक प्रदेश के 113 विकासखण्डों में कौशल विकास केन्द्र स्थापित किये जा चुके हैं तथा कुछ सालों में शेष विकासखण्डों में भी ये केन्द्र खोल दिये जायेंगे। आगामी दो वर्षों में प्रदेश के पन्द्रह लाख व्यक्तियों का कौशल उन्नयन करने का लक्ष्य है तथा 12 वी पंचवर्षीय योजना में लगभग 48 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। इसमें परम्परिक हुनर जैसे लोहार, बढ़ई, बसोड़, दर्जी, कुम्हार, आटोमोबाईल और निर्माण से जुड़े कामगारों को प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण देकर रोजगार के अवसर जुटाये जायेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि इस समिट में प्रख्यात औद्योगिक संगठन जैसे आयशर मोटर्स, टाटा इंटरनेशनल्स, बॉश इंडिया लिमिटेड, किर्लोस्कर, एनआईआईटी, प्रतिभा, एडॉर एवं प्रशिक्षण प्रदायकत्र्ता जैसे प्रथम एजुकेशन, सेंटम लर्निंग, एम्पॉवर प्रगति, प्रीमीयम इंस्टीट्यूट तथा राज्य सरकार के विभिन्न प्रशासनिक विभाग कार्य करेंगे। प्रदेशभर से करीब 25 हजार आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक उत्तीर्ण एवं प्रशिक्षणरत युवा भाग समिट में भाग लेंगे। इस मौके पर उपस्ििात अपर मुख्य सचिव अजिता वाजपेई पांडे ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2002 में 131 आईटीआई थे जो अब बढ़कर 173 हो गये हैं जबकि निजी आईटीआई की संख्या बीस से बढ़कर 184 हो गई है। यह सब इंजीनियरिंग कालेजों पर भार कम करने के लिये किया जा रहा है।

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