गुरुवार, 3 जनवरी 2013

शासकीय कर्मचारी निकाल सकेंगे जीपीएफ में जमा राशि का 75 प्रतिशत वित्त विभाग ने जारी की अधिसूचना

Bhopal, 01 Jan 2013, प्रदेश के समस्त शासकीय कर्मचारी अब सामान्य भविष्य निधि से वर्ष के दौरान अधिकतम जमा राशि का 75 प्रतिशत आहरण कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कोई कारण बताने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही यह अधिकार विभागाध्यक्ष-स्तर और इससे निचले स्तर पर प्रत्यायोजित करने का निर्णय लिया गया। इससे राशि का आहरण समय पर बिना विलम्ब के हो सकेगा। इस संबंध में राज्य के वित्त विभाग ने मप्र सामान्य भविष्य निधि नियमों में संशोधन कर इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
उल्लेखनीय है कि सामान्य भविष्य निधि खाते से आहरण के संबंध में नियम 16 में विशेष कारणों से संबंधित प्रकरणों में आहरण स्वीकृति के अधिकार उच्च स्तर पर होने के कारण सामान्य भविष्य निधि से आंशिक अंतिम विकर्षण स्वीकृत करने में काफी विलम्ब होता था। इससे जिन कारणों से संबंधित राशि आहरित की जाती है उसकी उपयोगिता समय पर सुनिश्चित नहीं हो पाती। इस नियम में दस साल की सेवा के बाद ही भविष्य निधि से राशि निकालने का प्रावधान था। राज्य सरकार ने अब इस नियम को खत्म कर दिया है। 
अब संशोधित नियमों के अनुसार, अब कोई अभिदाता, यदि वह चाहे तो सक्षम प्राधिकारी को आहरण वर्ष के ठीक पूर्ववर्ती वर्ष के अंत में उसके खाते में बकाया शेष राशि के पचहत्तर प्रतिशत तक आहरण की स्वीकृति के लिये, स्वीकृति के समय उसके खाते में जमा राशि की सीमा के अध्यधीन रहते हुये, विहित प्रारुप में आवेदन कर सकेगा। उक्त सीमा के अंतर्गत कोई भी अभिदाता किसी वित्तीय वर्ष में केवल दो बार आहरण हेतु अनुज्ञात किया जायेगा यानी वह सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा राशि का 75 प्रतिशत साल में दो बार निकाल सकेगा लेकिन यह राशि खाते में जमा राशि के 75 प्रतिशत के ही बराबर होना चाहिये, इससे अधिक नहीं। वह चाहे तो एक बार में ही 75 प्रतिशत राशि निकाल सकता है। 
वित्त विभाग ने संशोधित नियमों में अभिदाता और सक्षम प्राधिकारी के लिये वे नये प्रारुप भी निर्धारित किये हैं जिसके द्वारा 75 प्रतिशत राशि निकाली जा सकेगी। ज्ञातव्य है कि राज्य मंत्रिपरिषद ने इस संशोधन हेतु गत 20 नवम्बर को निर्णय लिया था जिसका अब जाकर अमलीकरण किया गया है।


  - डॉ. नवीन जोशी

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