मंगलवार, 11 दिसंबर 2012

किसानों की आत्महत्याओं को लेकर विपक्ष का बहिर्गमन


विधानसभा में मंगलवार को प्रश्रकाल में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने पिछले आठ माह में पांच हजार से अधिक कृषकों द्वारा आत्महत्या करने का मामला उठाया और सदन की समिति बनाकर पूरे प्रदेश में इन आत्महत्याओं की जांच कराने की मांग की। ऐसी ही मांग नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी की। जवाब में गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि कृषि कार्यों से दु:खी होकर किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि गृह कलह आदि अन्य कारणों से उन्होंने आत्महत्या की। सभी प्रकरणों में पुलिस द्वारा जांच की गई। स्पीकर रोहाणी ने सुझाव दिया कि लोग छोटी-छोटी बातों पर खुदकुशी कर लेते हैं। इसकी रोकथाम हेतु शासन को जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देने चाहिये कि वे संगोष्ठियां कराकर इस पर लोगों को संयम बरतने हेतु जागरुक करें । इन संगोष्ठियों में कालेज के विद्यार्थियों और समाज सुधारकों को भी बुलाया जाये। स्पीकर ने जब यह टिपपणी की कि सदन की समिति बनाने की मांग पर वे सहमत नहीं हैं तथा आत्महत्या की जांच के दौरान समिति के सदस्य ही कम न हो जायें तो विपक्षी के सदस्य रामनिवास रावत एवं आरिफ अकील बिफर गये और उन्होंने स्पीकर की टिप्पणी पर आपत्ति व्यक्त की। इस पर स्पीकर ने बात सम्हालते हुये कहा कि विधानसभा का कार्यकाल अब कुछ ही समय रह गया है तथा वे सदन की समिति में विधायकों को व्यस्त नहीं होना देने चाहते हैं जबकि उन्हें उनके क्षेत्र में जाने का मौका देना चाहते हैं। 
जब नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि यह मामला अत्यन्त संवेदनशील है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उठकर कहा कि आत्महत्या कहीं भी हो हम सबके लिये तकलीफ दायक है। जापान जैसे देशों में हर साल तीस हजार व्यक्ति खुदकुशी करते हैं। देश के नई दिल्ली, मुम्बई और राजस्थान में भी प्रदेश की तुलना में ज्यादा आत्महत्यायें होती हैं। इसे राजनैतिक रुप न देकर अतंरात्मा में झांकना होगा और उन कारणों को दूर किया जाना चाहिये जिनसे लोग आत्महत्या करते हैं। हर आदमी की अलग-अलग मनोदशा होती है और खुदकुशी के कई मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं। स्पीकर के निर्देश पर जिलों में इस हेतु संगोष्ठियां भी आयोजित की जायेंगी। विधायक रावत ने जब स्पीकर से यह कहा कि आप तो संवेदनशील हैं तो स्पीकर रोहाणी ने उठकर कहा कि कलियुग न होता तो वे सीना चीर कर बताते देते कि वे इस विषय में कितने संवेदनशील हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि सीएम जापान,कोरिया की यात्रा पर जाते हैं, वे नहीं। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि उनकी सरकार संवेदनशील है इसीलिये किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही है। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि किसानों के लिये सरकार ने कृषक कल्याण आयोग बनाया हुआ है। गृह मंत्री गुप्ता ने कहा कि आत्महत्याओं की जांच में कारण स्पष्ट रुप से बताये गये हैं इसलिये इनकी जांच की कोई जरुरत नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लनगाया कि केन्द्र द्वारा रासायनिक खाद के दाम बढ़ाने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन की घोषणा कर दी। विपक्ष के कुछ देर बहिर्गमन करने से तीन अन्य विधायकों के सवाल सदन में नहीं लिये जा सके।

 - डॉ. नवीन जोशी

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