बुधवार, 12 दिसंबर 2012

हर साल पौने चार लाख इंदिरा आवास दें



विधानसभा में मंत्री गोपाल भार्गव ने रखा शासकीय संकल्प
भोपाल 12 दिसंबर 2012। मप्र में सभी ग्रामीण आवासहीन परिवारों को बारहवीं पंचवर्षीय योजना में पक्के आवास मिले, इसके लिये केन्द्र सरकार से राज्य को प्रति वर्ष 84 हजार 358 के स्थान पर 3 लाख 83 इंदिरा आवासों का लक्ष्य स्वीकृत किया जाये जिससे कि प्रदेश के सभी ग्रामीण आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराया जा सके। इस आशय का शासकीय संकल्प बुधवार को राज्य विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने पेश किया। लेकिन विपक्ष के गेमन इंडिया के  मामले में निरन्तर हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं हो पाई और न ही यह पारित हो पाया। अब गुरुवार को इस पर सदन में चर्चा होगी और यह पारित होगा।
मंत्री भार्गव द्वारा संकल्प रखने के बाद इस पर चर्चा हेतु स्पीकर ईश्वर दास रोहाणी ने कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत एवं एक अन्य विधायक का नाम लिया था परन्तु गर्भगृह में आकर हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों के हो-हल्ले में इस पर चर्चा नहीं हो पाई। हंगामे के दौरान उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने टिप्पणी की कि यदि कांग्रेस गरीबों की पार्टी है तो वह इस पर चर्चा करे। स्वयं मंत्री भार्गव ने आरोप लगाया कि कि कांग्रेस गरीबों के खिलाफ है इसलिये चर्चा नहीं कर रही है।
मंत्री भार्गव द्वारा रखे गये शासकीय संकल्प में कहा गया है कि प्रदेश में बीपीएल सर्वे वर्ष 2002-03 के सर्वेक्षण के अनुसार 54 लाख 68 हजार परिवार गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। इस समय कच्चे कवेलू को आवास की परिभाषा में लिया गया था। अत: कुल आवासहीन परिवार 2 लाख 8 हजार एवं कच्चे आवासधारी 35 लाख 54 हजार परिवार, इस प्रकार कुल आवासहीन परिवार 37 लाख 62 हजार थे। इसका असर प्रदेश में इंदिरा आवास योजना में अत्यधिक कम लक्ष्य के रुप में रहा। शासन द्वारा जनगणना 2011 में सुधार हेतु प्रयत्न किया गया जिससे संख्या आई कि प्रदेश में 1 करोड़ 11 लाख परिवार ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हैं। इनमें 71 लाख 38 हजार परिवारों के आवास की छत घास-फूंस,टाट, बांस, लकड़ी,मिट्टी,प्लास्टिक,पोलिथिन एवं हाथ से बने कच्चे कवेलू से बनी हैं तथा 72 लाख 15 हजार परिवारों के आवास की दीवारें मिट्टी, कच्ची ईंटों एवं लकड़ी आदि से बनी है। जनसंख्या एवं गरीबी रेखा के आवासहीन परिवारों की संख्या के अनुसार प्रदेश को इंदिरा आवास योजना में अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम आवासों का लक्ष्य आवंटित किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2012-13 में असम को 1 लाख 84 हजार 408, बिहार को 8 लाख 16 हजार 305, उत्तरप्रदेश को 3 लाख 68 हजार 322, गुजरात को 1 लाख 36 हजार 470, महाराष्ट्र को 1 लाख 67 हजार 379 एवं मप्र को मात्र 84 हजार 358 इंदिरा आवास का लक्ष्य भारत सरकार से प्राप्त हुआ है। गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली प्रदेश की जनता के जीवन को उत्तरोत्तर समृध्द एवं खुशहाल बनाया जाये इस हेतु जनगणना 2011 के सर्वे के आधार पर केन्द्र सरकार से वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिये इंदिरा आवास योजनान्तर्गत 3 लाख 83 हजार, वनाधिकार पट्टाधारियों को लाभान्वित करने के लिये 1 लाख 60 हजार एवं इंदिरा आवास -होमस्टेड हेतु 2 लाख आवासों की अतिरिक्त मांग भारत सरकार से की जाये।
कांग्रेस ने बढ़वाई थी संख्या :
विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने बताया कि अटलजी के सरकार के समय प्रदेश में इंदिरा आवासों की संख्या 4 हजार ही बढ़ी थी परन्तु केन्द्र में यूपीए की सरकार के आने के बाद यह संख्या बढ़ाकर 84 हजार की गई। यह सब प्रदेश के कांग्रेस पक्ष ने ही केन्द्र को पत्र लिख-लिख कर हीबढ़वाया है। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इंदिरा आवासों के आवंटन हेतु विधायकों को राज्य सरकार तवज्जों नहीं देती है।

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