मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

आफ रोड यात्री वाहनों को भी दी गई दो माह की छूट


 आफ रोड यात्री वाहनों को भी दी गई दो माह की छूट
भोपाल 25 दिसम्बर, 2012। प्रदेश की शिवराज सरकार ने लोक परिवहन व्यवस्था दुरुस्त करने के लिये नये प्रावधानों की कवायद शुरु कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर आने वाले यात्री वाहनों को अब शहर के अंदर तक आने की छूट मिल सकेगी। इसके लिये परिवहन विभाग ने मप्र मोटरयान नियम,1994 के नियम 16 क के उप नियम एक के खण्ड दो में संशोधन प्रस्तावित कर दिया है तथा दो माह बाद इस संशोधन को लागू कर दिया जायेगा।
प्रस्तावित संशोधन में बताया गया है कि ग्रामीण मार्ग से आशय ऐसा मार्ग जो किसी ग्राम या नगर को दूसरे ग्राम या नगर से जोड़ता है किन्तु जिसमें साधारण मार्ग का ऐसा भाग जो 25 प्रतिशत से अधिक अथवा 15 किलोमीटर से अधिक - दोनों में से जो भी कम हो, सम्मिलित नहीं है। जबकि अभी यह प्रावधान साधारण मार्ग के सिर्फ पांच किलोमीटर तक ही है। इसके बारे में परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले यात्री वाहन शहर की सीमा तक ही आ पाते हैं तथा वहां से अंदर आने के लिये यात्रियों को परिवहन के अन्य साधनों से शहर के अंदर आना पड़ता है जिससे यात्रियों को विशेषकर ग्रामीणजनों को काफर परेशानी उठानी पड़ती है। नये प्रावधान के लागू होने पर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले यात्री वाहन  निर्धारित सीमा तक शहर के अंदर भी जा सकेंगे।
परिवहन विभाग ने इसके अलावा मप्र मोटरयान कराधान नियम,1991 के नियम 11 के उपनियम 5 में भी संशोधन किया है और इसे लागू कर दिया है। नये संशोधन के अनुसार, अब यात्री बसें या ट्रक के स्वामी अब 45 दिन के स्थान पर दो केलेण्डर माह तक अपने वाहन को आफ रोड रख सकेंगे। वाहन को आफ रोड रखने की बहुधा जरुरत उसके दुर्घटनाग्रस्त होने एवं उसे ठीक कराने में लगने वाले समय हेतु होती है। ऐसे में उन्हें इस अवधि का टैक्स परिवहन विभाग को नहीं देना होता है। हांलाकि इस छूट हेतु परिवहन विभाग का निर्धारित फार्म भरना होता है। पहले 45 दिन तक वाहन को आफ रोड रखने पर सिर्फ एक केलेण्डर माह की ही छूट मिल पाती थी क्योंकि परिवहन कानून में केलेण्डर माह और केलेण्डर वर्ष परिभाषित किये हुये हैं।

- डॉ. नवीन जोशी

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